बरेली में अवैध पटाखा फैक्ट्री में भयंकर विस्फोट: तीन की मौत, कई मकान धराशायी, लापता लोगों की तलाश जारी


के कुमार आहूजा क्राइम रिपोर्टर बीकानेर फ्रंटियर  2024-10-03 09:49:34



बरेली में अवैध पटाखा फैक्ट्री में भयंकर विस्फोट: तीन की मौत, कई मकान धराशायी, लापता लोगों की तलाश जारी

यूपी के बरेली में अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके ने न केवल कई जिंदगियों को तबाह कर दिया, बल्कि आसपास के मकानों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। यह दर्दनाक हादसा सिरौली थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में हुआ, जहां एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में भयानक विस्फोट हुआ, जिससे कई मकान गिर गए और तीन लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद पूरा इलाका खौफ में है और प्रशासन तेजी से राहत और बचाव कार्य में जुटा है।

घटना का पूरा विवरण

बरेली के सिरौली थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके से पूरा इलाका थर्रा गया। धमाका इतना तेज था कि न केवल फैक्ट्री के आसपास के आठ मकान गिर गए, बल्कि आसपास के इलाकों में भी दहशत फैल गई। हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

फैक्ट्री एक स्थानीय निवासी नासिर के घर में चल रही थी, जो बिना लाइसेंस के पटाखे बना रहा था। प्रशासन का कहना है कि नासिर का लाइसेंस पहले ही रद्द हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद वह अवैध रूप से पटाखे बना रहा था। धमाके के समय फैक्ट्री में कई लोग काम कर रहे थे, जिनमें से कुछ की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है।

धमाके के प्रभाव और आसपास के इलाके पर असर

धमाके के कारण फैक्ट्री के पास के चार मकान पूरी तरह से धराशायी हो गए और बाकी के मकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के तुरंत बाद, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य शुरू किया। कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हो सकते हैं, जिसके कारण बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। मौके पर आईजी राकेश सिंह भी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

प्रशासन ने बताया कि लापता लोगों की संख्या को लेकर अभी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन राहत कार्य तेजी से चल रहा है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

इस हादसे के बाद स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हैं। उन्होंने प्रशासन की नाकामी पर सवाल उठाए हैं कि कैसे अवैध पटाखा फैक्ट्री बिना किसी रोक-टोक के चल रही थी। गांव के एक निवासी ने कहा, "यह फैक्ट्री कई सालों से यहां चल रही थी, और हमें हमेशा से इसके खतरे का डर था। हमने कई बार प्रशासन को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों के इलाज के लिए उचित इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि इस घटना की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

 

मुख्यमंत्री ने प्रशासन से यह भी पूछा है कि कैसे एक अवैध फैक्ट्री बिना लाइसेंस के चल रही थी और क्यों इस पर पहले ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है।

पुलिस और प्रशासन का बयान

घटना स्थल पर पहुंचे आईजी राकेश सिंह ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के चार मकान पूरी तरह से ढह गए और कई अन्य मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने नासिर, जो इस अवैध फैक्ट्री का मालिक था, के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि नासिर इस फैक्ट्री को कैसे चला रहा था और पटाखों के निर्माण में इस्तेमाल हो रहे विस्फोटक पदार्थ कहां से आ रहे थे।

प्रशासन ने घटना स्थल के आसपास के इलाकों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं और जांच टीम भी गठित की गई है जो घटना के कारणों की जांच कर रही है। राहत और बचाव कार्य भी तेजी से जारी है और प्रशासन का कहना है कि लापता लोगों की तलाश पूरी होने तक काम जारी रहेगा।

अवैध पटाखा फैक्ट्रियों पर सवाल

यह हादसा अवैध पटाखा फैक्ट्रियों की समस्या को एक बार फिर उजागर करता है। बरेली और आसपास के इलाकों में कई अवैध पटाखा फैक्ट्रियां चुपचाप चल रही हैं, जो सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रही हैं। ऐसी फैक्ट्रियां अक्सर लोगों की जान के लिए खतरा बन जाती हैं, जैसा कि इस घटना में हुआ।

प्रशासन के अनुसार, आने वाले दिनों में बरेली और आसपास के इलाकों में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

बरेली में हुए इस दर्दनाक हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अवैध पटाखा फैक्ट्रियों का संचालन, प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी जैसी समस्याएं सामने आई हैं। हालांकि राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन इस घटना ने कई परिवारों को हमेशा के लिए बर्बाद कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेता है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।


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