कुलगाम में मुठभेड़: आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-10-03 05:24:24



कुलगाम में मुठभेड़: आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के आदिगाम गांव में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा बलों को खुफिया सूचना मिली थी कि 2-3 आतंकी इस क्षेत्र में छिपे हुए हैं। इसके बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने घेराबंदी की और ऑपरेशन शुरू किया।

कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों का बढ़ना

पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। आतंकवादी संगठन लगातार सुरक्षाबलों और नागरिकों पर हमले कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा बलों की सतर्कता और उनकी मुस्तैदी बेहद अहम हो जाती है। घाटी के कुलगाम, पुलवामा, शोपियां जैसे जिलों में आतंकी हमलों की खबरें आम हो चुकी हैं। इन जिलों में स्थानीय लोगों को आतंकवाद से बचाने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए नियमित ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।

मुठभेड़ की शुरुआत: खुफिया सूचना पर कार्रवाई

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने एक विश्वसनीय खुफिया सूचना के आधार पर कुलगाम के आदिगाम गांव में आतंकियों को घेरने की योजना बनाई। इस सूचना में 2-3 आतंकियों के एक घर में छिपे होने की पुष्टि की गई थी। चिनार कॉर्प्स, जो भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आतंकियों की तलाश के दौरान उन्होंने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ की स्थिति पैदा हो गई।

ऑपरेशन की रणनीति और चुनौती

सुरक्षा बलों की ओर से चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। जवाब में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए आतंकियों को घेरने की कोशिश की। मुठभेड़ अभी भी जारी है और सुरक्षाबलों का प्रयास है कि इलाके को पूरी तरह से सुरक्षित कर आतंकियों को मार गिराया जाए। इस दौरान इलाके के सभी प्रवेश और निकास मार्गों को सील कर दिया गया है ताकि कोई भी आतंकी भाग न सके।

इलाके में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता

सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन के दौरान सबसे पहले यह सुनिश्चित किया कि इलाके के स्थानीय नागरिक सुरक्षित रहें। मुठभेड़ स्थल के आसपास के घरों को खाली करवाया गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। सुरक्षा बलों का मुख्य उद्देश्य आतंकियों को ढूंढकर मार गिराना है, लेकिन इसके साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

ऑपरेशन की मौजूदा स्थिति

मुठभेड़ फिलहाल जारी है और सुरक्षा बलों का कहना है कि वे आतंकियों को किसी भी कीमत पर भागने नहीं देंगे। सुरक्षा बलों की घेराबंदी कड़ी है और आतंकियों के पास बच निकलने का कोई रास्ता नहीं है। ऑपरेशन में ड्रोन और स्नाइपर जैसी तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाया जा सके। इस ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे जवान पूरी मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।

कुलगाम में आतंकी गतिविधियों का इतिहास

कुलगाम, जम्मू-कश्मीर के सबसे संवेदनशील जिलों में से एक है, जहां पर आतंकियों की गतिविधियां हमेशा से ही सुरक्षाबलों के लिए चुनौती रही हैं। इस जिले में पहले भी कई बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। यहां के दुर्गम इलाकों में छिपकर आतंकवादी अक्सर हमले करते हैं, जिससे सुरक्षाबलों के लिए चुनौती और भी बढ़ जाती है।

सुरक्षा बलों की रणनीति और सफलता

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाइयों ने पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद पर काफी हद तक नियंत्रण किया है। हर ऑपरेशन में सुरक्षा बल यह सुनिश्चित करते हैं कि आतंकियों को जिंदा पकड़ने या मार गिराने के अलावा और कोई विकल्प न बचे। इन ऑपरेशनों की सफलता ने आतंकवादियों के मनोबल को तोड़ा है और घाटी में शांति स्थापित करने के प्रयासों को बल मिला है।

आतंकवाद के खिलाफ घाटी का संघर्ष

कश्मीर घाटी के लोग लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। आतंकवाद ने यहां की आर्थिक और सामाजिक संरचना को बुरी तरह से प्रभावित किया है। लेकिन सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाइयों और उनके निरंतर प्रयासों ने लोगों में शांति और सुरक्षा की उम्मीद जगाई है। स्थानीय लोग अब आतंकवाद के खात्मे की ओर बढ़ रहे इस संघर्ष में सुरक्षाबलों का साथ देने लगे हैं।

आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई

कुलगाम में जारी यह मुठभेड़ इस बात का उदाहरण है कि भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस किसी भी सूरत में आतंकवाद को बढ़ने नहीं देंगे। सुरक्षाबलों की रणनीति और उनका समर्पण आतंकियों के खिलाफ इस लड़ाई को निर्णायक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह मुठभेड़ घाटी में आतंकवाद के खात्मे की दिशा में एक और कदम है, जो यह दर्शाता है कि कश्मीर में अब आतंकवाद का अंत नजदीक है।


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