हरिद्वार मेडिकल कॉलेज जल्द होगा चालू: स्थानीय लोगों को मिलेगा बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ
के कुमार आहूजा 2024-10-02 22:19:59
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज जल्द होगा चालू: स्थानीय लोगों को मिलेगा बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में जल्द ही एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब स्थानीय निवासियों को इलाज के लिए अन्य शहरों में जाने की ज़रूरत नहीं होगी, क्योंकि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज जल्द ही कामकाज शुरू करने वाला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशेष कोशिशों से यह सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। आइए जानते हैं इस नए मेडिकल कॉलेज से जुड़ी अहम जानकारी।
हरिद्वार को मिलेगी बड़ी सौगात
उत्तराखंड राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की दिशा में प्रयासरत है, और इसी कड़ी में हरिद्वार जिले में मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू होने जा रहा है। हरिद्वार, जो कि राज्य के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है, को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लंबे समय से अच्छे बुनियादी ढांचे की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को जानकारी दी कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 100 एमबीबीएस सीटों की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त किया है, जिनकी मदद से इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजना को गति मिली है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में कदम
हरिद्वार जिले की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, यहां लंबे समय से एक बड़े मेडिकल कॉलेज की कमी महसूस की जा रही थी। हालांकि यह जिला मैदानों में स्थित है, फिर भी डॉक्टरों की कमी और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता ने यहां के निवासियों को इलाज के लिए ऋषिकेश स्थित एम्स और देहरादून के अस्पतालों का रुख करने पर मजबूर किया।
हालांकि, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से यह तस्वीर पूरी तरह से बदलने की उम्मीद है। अब स्थानीय लोगों को अपने ही जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
तेजी से हुआ निर्माण कार्य
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को तीव्र गति से पूरा किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने विशेष रूप से इस निर्माण कार्य को कम समय में पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले महीने, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की टीम ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और कुछ कमियों की पहचान की थी, जिन्हें तुरंत ठीक कर दिया गया।
अब कॉलेज का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, और जल्द ही यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा। इससे न केवल हरिद्वार, बल्कि आस-पास के इलाकों के लोगों को भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।
पहले क्या थी स्थिति?
हरिद्वार जिले में मेडिकल कॉलेज की कमी का असर यह था कि लोग सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए भी बड़ी दूरी तय करके ऋषिकेश या देहरादून के अस्पतालों में जाते थे। गंभीर बीमारियों और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए राज्य के प्रमुख अस्पतालों तक पहुंच बनाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था।
इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया। देहरादून, श्रीनगर, और हल्द्वानी के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बाद, हरिद्वार में इस मेडिकल कॉलेज की शुरुआत एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
स्थानीय निवासियों को होगा फायदा
हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज खुलने से स्थानीय निवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी। इसके साथ ही, मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे भविष्य में डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "हमारी सरकार राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। हमारा उद्देश्य यह है कि चिकित्सा सेवाएं पहाड़ी जिलों के साथ-साथ मैदानी जिलों में भी सुलभ हों। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का निर्माण तेजी से पूरा किया गया है और यह आने वाले समय में लाखों लोगों को राहत देगा।"
स्वास्थ्य सेवा के विकास में बढ़ते कदम
राज्य सरकार की योजना है कि उत्तराखंड के सभी जिलों में समान रूप से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की समान उपलब्धता राज्य की स्वास्थ्य नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज की स्थापना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य में अन्य स्वास्थ्य परियोजनाओं पर भी ध्यान देने की बात कही। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
हरिद्वार के लिए एक नई शुरुआत
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज का संचालन न केवल जिले के निवासियों के लिए एक बड़ी राहत होगी, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को भी और मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री धामी के विशेष प्रयासों और केंद्र सरकार के सहयोग से यह परियोजना जल्द ही एक बड़ी सफलता के रूप में सामने आएगी। इससे न केवल हरिद्वार, बल्कि आस-पास के जिलों के निवासियों को भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।