UPI ने सितंबर में छुआ 20.64 लाख करोड़ का आंकड़ा: डिजिटल भुगतान में ऐतिहासिक वृद्धि
के कुमार आहूजा 2024-10-02 12:38:00
UPI ने सितंबर में छुआ 20.64 लाख करोड़ का आंकड़ा: डिजिटल भुगतान में ऐतिहासिक वृद्धि
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत ने एक और मील का पत्थर हासिल किया है। सितंबर महीने में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से 20.64 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए, जिसमें सालाना आधार पर 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। UPI ने न केवल अपने लेन-देन की संख्या बढ़ाई, बल्कि डिजिटल भुगतान में अपना अनोखा स्थान भी बना लिया है।
UPI की ऐतिहासिक वृद्धि
सितंबर 2023 के आंकड़े बताते हैं कि UPI ने कुल 15.04 बिलियन लेन-देन का रिकॉर्ड बनाया, जो पिछले साल की तुलना में 42 प्रतिशत की वृद्धि है। यह आंकड़े नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी किए गए हैं, जो देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। औसतन, प्रतिदिन 501 मिलियन लेन-देन हुए, जिनकी कुल राशि 68,800 करोड़ रुपये रही, जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 66,475 करोड़ रुपये था।
UPI के बढ़ते उपयोग का सबसे बड़ा कारण इसका सामान्य जीवन में गहराई से जुड़ जाना है। UPI के जरिए लोग न केवल बड़े लेन-देन करते हैं, बल्कि छोटी खरीददारी और माइक्रो ट्रांजेक्शंस में भी इसका व्यापक इस्तेमाल हो रहा है। वर्ल्डलाइन इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, सुनील रोंगाला के अनुसार, "सितंबर और जुलाई के लेन-देन की तुलना करने पर यह साफ़ होता है कि भले ही लेन-देन की कुल राशि स्थिर रही हो, लेकिन छोटे ट्रांजेक्शंस की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।"
AePS और IMPS में वृद्धि
UPI के साथ-साथ, आधार सक्षम पेमेंट सिस्टम (AePS) ने भी बड़ी छलांग लगाई है। सितंबर महीने में AePS के माध्यम से 100 मिलियन लेन-देन हुए, जिनकी कुल राशि 24,143 करोड़ रुपये थी। यह इस बात का संकेत है कि ग्रामीण और सुदूर इलाकों में भी डिजिटल लेन-देन तेजी से फैल रहा है। इसके साथ ही, इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिए 5.65 लाख करोड़ रुपये के फंड ट्रांसफर किए गए, जिसमें सालाना 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। IMPS के औसत दैनिक लेन-देन की संख्या 14 मिलियन रही, और प्रतिदिन 18,841 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ।
NETC FASTag का योगदान
NETC FASTag के माध्यम से हुए डिजिटल लेन-देन में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। सितंबर में FASTag के जरिए 318 मिलियन लेन-देन किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 7 प्रतिशत की वृद्धि है। कुल राशि 5,620 करोड़ रुपये रही, जो सालाना 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। FASTag के औसत दैनिक वॉल्यूम 11 मिलियन रहे, और प्रतिदिन 187 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित की गई।
पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेन-देन का बढ़ता प्रभाव
UPI के आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि इसके लेन-देन की वृद्धि में पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजेक्शंस का बड़ा योगदान है। लोग अब पहले की तुलना में दुकानों, रेस्टोरेंट्स और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए UPI का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। यही वजह है कि कुल ट्रांजेक्शंस की संख्या में इतनी भारी वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि लेन-देन की कुल राशि स्थिर रही।
फ्यूचर प्लानिंग और डिजिटल भुगतान का भविष्य
डिजिटल भुगतान के इस प्रभावशाली विकास से यह स्पष्ट होता है कि भारत तेजी से कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। UPI ने वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित किया है, जिससे बड़े और छोटे व्यापारी, दोनों को फायदा हुआ है। इसके अलावा, आधार आधारित भुगतान और IMPS जैसी सेवाओं के साथ UPI ने भारत को डिजिटल ट्रांजेक्शन में एक अग्रणी देश बना दिया है।
डिजिटल भुगतान के इस विस्तार से यह साफ़ हो गया है कि आने वाले समय में UPI और अन्य डिजिटल भुगतान प्लेटफार्म भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने वाले हैं।