ट्रेनी डॉक्टर रेप मर्डर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा के मुद्दों पर उठाया गंभीर सवाल
के कुमार आहूजा 2024-10-01 14:14:44
ट्रेनी डॉक्टर रेप मर्डर मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा के मुद्दों पर उठाया गंभीर सवाल
कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर की हत्या ने स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। इस जघन्य अपराध के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स को सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। क्या इस घटना के बाद वेस्ट बंगाल सरकार सुरक्षा उपायों को लागू करने में विफल रही है? जानें इस संवेदनशील मामले की विस्तृत जानकारी।
घटना का विवरण
हाल ही में, कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पीजी प्रशिक्षु डॉक्टर की हत्या और बलात्कार की घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वेस्ट बंगाल सरकार से सुरक्षा उपायों की प्रगति के बारे में सवाल किए। न्यायमूर्ति DY चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में राष्ट्रीय टास्क फोर्स द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट महत्वपूर्ण है, जो सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर विचार कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स से कहा कि वह जेंडर आधारित हिंसा को रोकने, इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए कार्यस्थल को सम्मानजनक बनाने के लिए कार्रवाई की योजना तैयार करे। इस मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने वेस्ट बंगाल सरकार से सीसीटीवी कैमरे, शौचालयों का निर्माण और बायोमीट्रिक्स के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी।
वेस्ट बंगाल सरकार की स्थिति
वेस्ट बंगाल के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने न्यायालय को बताया कि बाढ़ के कारण कुछ लॉजिस्टिक देरी हुई है, लेकिन सरकार ने आश्वासन दिया है कि सभी कार्य 15 अक्टूबर तक पूरे हो जाएंगे। इसके अलावा, न्यायालय ने वेस्ट बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट पर भी ध्यान दिया, जिसमें चल रहे कार्यों की जानकारी दी गई है।
सोशल मीडिया और मीडिया पर प्रभाव
इस बीच, अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने न्यायालय को सूचित किया कि सोशल मीडिया पर पीड़िता के नाम और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, जो एक चिंताजनक मुद्दा है। उन्होंने बताया कि एक यूट्यूब फिल्म भी इस घटना पर आधारित है, जो अगले दिन रिलीज होने वाली है। इस पर, सुप्रीम कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को निर्देश दिया कि वे पीड़िता के नाम और पहचान को उजागर करने वाले सभी पोस्ट को हटाएं।
सीबीआई की जांच की प्रगति
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा की जा रही जांच पर भी ध्यान दिया, जिसमें बलात्कार की घटनाओं और RG कर मेडिकल संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी जानकारी शामिल है। सीबीआई की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि पीड़िता की चोटें उसके पहने हुए ब्रेसिज़ और चश्मे के कारण बढ़ गई थीं।
सीनियर अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अदालत को बताया कि RG कर की घटना केवल एक साधारण बलात्कार और हत्या का मामला नहीं है। उन्होंने अदालत को बताया कि चार व्यक्ति घटनास्थल पर पहुंचे थे, जिनमें से कुछ परिषद के निर्वाचित सदस्य हैं। इस पर, अधिवक्ता करुणा नंदी ने न्यायालय को बताया कि सीबीआई की जांच में उल्लेखित कई लोग शक्तिशाली पदों पर हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि धमकी का वातावरण मौजूद है। उन्होंने न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि इन व्यक्तियों को अस्थायी रूप से निलंबित किया जाए।
अगले कदम
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अगले सुनवाई की तारीख पर उन लोगों के बारे में जानकारी देने को कहा, जो RG कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने आश्वासन दिया कि यदि सीबीआई किसी व्यक्ति के खिलाफ जानकारी प्रदान करती है, तो राज्य सरकार कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी।
इस मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने दशहरा की छुट्टियों के बाद आगे की सुनवाई के लिए मामले को स्थगित कर दिया।
यह घटना न केवल कोलकाता के स्वास्थ्य ढांचे की सुरक्षा की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे एक गंभीर मुद्दे को लेकर कानून और व्यवस्था को चुनौती दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट का सक्रियता से इस मामले को उठाना और सुरक्षा उपायों पर दबाव बनाना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। यह आवश्यक है कि प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था तेजी से कार्य करे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।