सिद्धारमैया पर जांच की काली छाया: ED ने दर्ज की मनी लॉन्ड्रिंग की रिपोर्ट


के कुमार आहूजा  2024-10-01 14:05:53



सिद्धारमैया पर जांच की काली छाया: ED ने दर्ज की मनी लॉन्ड्रिंग की रिपोर्ट

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर विवादों में घिरे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की है। क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध है या सचमुच कुछ गड़बड़ है? जानिए इस विवाद की गहराई में क्या है।

घटना का विवरण

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एक प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है, जिसका संबंध मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले से है। यह मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़ा है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, और अन्य पर आरोप लगाए गए हैं।

इससे पहले, लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ MUDA भूमि आवंटन घोटाले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की थी। FIR विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं 351, 420, 340, 409, और 120B शामिल हैं।

आरोप और प्रतिक्रिया

FIR में कहा गया है कि MUDA ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी को मैसूर शहर के प्रमुख स्थानों पर 14 साइटें अवैध रूप से आवंटित की थीं। इसके बाद भाजपा ने सिद्धारमैया से इस्तीफा देने की मांग की है और मामले की जांच ED और CBI से कराने की बात कही है। भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इस मामले में पहले आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

सिद्धारमैया ने इन सभी मांगों को खारिज करते हुए कहा, पहले उन्हें एचडी कुमारस्वामी और अन्य का इस्तीफा लेना चाहिए। क्या उन्हें कुमारस्वामी का इस्तीफा नहीं लेना चाहिए? मोदी को भी चुनावी बांड मुद्दे में इस्तीफा देना चाहिए।

राजनीतिक पहलू

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया निर्दोष साबित होंगे। ED अब राजनीतिक विरोधियों को डराने और प्रतिशोध की राजनीति करने का उपकरण बन गई है। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक के लोगों ने मई 2023 में स्पष्ट रूप से इस सरकार को नकार दिया था, और अब यह खुद को बुरे परिणामों से बचाने की कोशिश कर रही है।

जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, हमारी पार्टी को किसी भी तरह का डर नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री को निर्दोष साबित किया जाएगा।

जांच की स्थिति

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेजों और जानकारी को एकत्रित करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, लोकायुक्त पुलिस की FIR ने इस मामले को और अधिक गंभीरता से ले लिया है, जिससे उच्च स्तरीय जांच की संभावना बढ़ गई है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि "जांच के लिए कोई भी केंद्रीय एजेंसी उन्हें आतंकित नहीं कर सकती। वे केवल राजनीतिक प्रतिशोध के लिए कार्य कर रहे हैं।"

यह मामला कर्नाटक की राजनीति में एक नई गहराई को दिखाता है। राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप और आरोपों की बौछार ने एक गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। क्या सिद्धारमैया अपनी बेगुनाही साबित कर पाएंगे, या यह राजनीतिक विवाद उन्हें गिरा देगा? आगे की घटनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण होंगी।


global news ADglobal news ADglobal news AD