बाढ़ से हाहाकार: शिवहर और सीतामढ़ी में बागमती नदी का कहर, तटबंध टूटने से सैकड़ों परिवार बेघर
के कुमार आहूजा 2024-10-01 08:08:18
बाढ़ से हाहाकार: शिवहर और सीतामढ़ी में बागमती नदी का कहर, तटबंध टूटने से सैकड़ों परिवार बेघर
बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में बाढ़ ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। बागमती नदी का तटबंध चार स्थानों पर टूटने से बेलसंड और रुन्नीसैदपुर के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। यह घटना रविवार को तब सामने आई जब बेलसंड के मधकौल गांव के पास बागमती नदी का तटबंध लगभग 100 फीट तक टूट गया। इसके परिणामस्वरूप मधकौल, जाफरपुर, बसौल, पड़राही जैसे कई गांवों में पानी तेजी से घुस गया, जिससे सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा।
तटबंध टूटने से प्रभावित गांव
बागमती नदी का पानी बेलसंड के साथ-साथ शिवहर जिले के तरियानी छपरा में भी तटबंध तोड़ते हुए कई गांवों में प्रवेश कर गया। यहां पानी ने मुख्य सड़कों को घेर लिया है, जिससे यातायात बाधित हो गया है और बचाव कार्य में कठिनाई हो रही है। इस तबाही से दर्जन भर गांवों में पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। कई इलाकों में दो से तीन फीट तक पानी भरा हुआ है, जिससे लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है।
सरकारी प्रयास और राहत कार्य
बिहार सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से स्थानीय अधिकारियों और इंजीनियरों को तटबंधों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है, साथ ही 190 होमगार्डों को भी लगाया गया है जो प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है। इसके अलावा, बिहार सरकार ने जल संसाधन विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है, ताकि भविष्य में किसी और तटबंध के टूटने या अन्य समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।
बाढ़ का कारण
इस वर्ष की भारी बारिश ने नेपाल के तराई क्षेत्रों और उत्तरी बिहार में नदियों के जलस्तर को खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा दिया है। बागमती और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटबंधों पर दबाव बढ़ गया, जिससे उनका टूटना लगभग अनिवार्य हो गया। नेपाल से 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बागमती नदी में अचानक जलस्तर में वृद्धि हुई, जिसके चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।
स्थानीय निवासियों का संघर्ष
तरियानी और बेलसंड के ग्रामीणों ने बाढ़ से बचने के लिए ऊंचे स्थानों की ओर पलायन किया है। कुछ लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं और सरकारी राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। हालांकि प्रशासन राहत कार्य में जुटा है, लेकिन कई इलाकों में सड़कों पर पानी भरे होने के कारण बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उन्हें जरूरी सामानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी सहायता और दिशा-निर्देश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालात पर नजर रखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग को तुरंत प्रभाव से राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तटबंधों की निगरानी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि स्थानीय लोग किसी भी तरह की समस्या की सूचना दे सकें। राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके लिए आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है।
बाढ़ की इस भयावह स्थिति ने बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों के बावजूद स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है, और भारी बारिश के चलते आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।