जांबाज पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता: 5.25 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, गुवाहाटी से 2 गिरफ्तार
के कुमार आहूजा 2024-10-01 06:57:26
जांबाज पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता: 5.25 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, गुवाहाटी से 2 गिरफ्तार
साइबर क्राइम आज के डिजिटल युग का सबसे गंभीर खतरा बनता जा रहा है, और इसी से निपटने के लिए पंजाब पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। गुवाहाटी में असम पुलिस के सहयोग से दो आरोपियों की गिरफ्तारी और करोड़ों रुपये की बरामदगी के साथ पंजाब पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह को बेनकाब किया है। इस ऑपरेशन ने न केवल साइबर सुरक्षा की दिशा में एक नया मानक स्थापित किया है, बल्कि यह साबित किया है कि ऐसे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह से तत्पर है।
साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश:
पंजाब पुलिस के लुधियाना साइबर क्राइम टीम ने असम पुलिस के सहयोग से गुवाहाटी में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों के पास से 5.25 करोड़ रुपये, कई एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। यह राशि भारत में अब तक की सबसे बड़ी साइबर क्राइम से संबंधित बरामदगी है, जैसा कि I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के आंकड़ों के अनुसार बताया गया है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x (पूर्व में ट्विटर) पर इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा, लुधियाना पुलिस द्वारा किए गए इस शानदार कार्य के लिए उन्हें बधाई। असम पुलिस की मदद से गुवाहाटी से दो अपराधियों की गिरफ्तारी और 5.25 करोड़ रुपये की बरामदगी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके अलावा, सात और व्यक्तियों को इस केस में नामजद किया गया है।
असम पुलिस के साथ सफल अभियान:
इस ऑपरेशन की सफलता में असम पुलिस की भी अहम भूमिका रही। पंजाब पुलिस ने असम पुलिस के डीजीपी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। डीजीपी गौरव यादव ने कहा, इस अंतर्राज्यीय ऑपरेशन में असम पुलिस के शानदार सहयोग के लिए मैं उनके डीजीपी को धन्यवाद देता हूं। पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के तहत नए युग के अपराधों पर तेजी से कार्रवाई कर रही है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
यह गिरफ्तारी और बरामदगी साइबर अपराध के खिलाफ चल रही देशव्यापी लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह देशभर में साइबर ठगी से संबंधित कई अपराधों में संलिप्त था। इस मामले में आगे की जांच जारी है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि गिरोह ने और कितने लोगों को ठगा है।
I4C की भूमिका और साइबर सुरक्षा पर सरकार का ध्यान:
यह ऑपरेशन उस वक्त हुआ है जब साइबर सुरक्षा को लेकर पूरे देश में जागरूकता बढ़ रही है। 10 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) के पहले स्थापना दिवस पर साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिना साइबर सुरक्षा के किसी भी देश का विकास असंभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेफ साइबर स्पेस पहल के तहत 2015 में स्थापित I4C, अब साइबर सुरक्षित भारत के मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रहा है।
अमित शाह ने यह भी कहा कि डिजिटल युग में तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ इसके दुरुपयोग की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। इसलिए साइबर सुरक्षा केवल डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अब राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
पंजाब पुलिस की बड़ी कामयाबी:
पंजाब पुलिस की इस उपलब्धि को देशभर में सराहा जा रहा है। लुधियाना के साइबर क्राइम टीम को डीजीपी गौरव यादव द्वारा "डायरेक्टर जनरल का कमेंडेशन डिस्क" भी प्रदान किया गया है। यह सम्मान उनकी मेहनत, समर्पण और जनता की सुरक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डीजीपी ने कहा, साइबर अपराधों के खिलाफ इस लड़ाई में यह सफलता एक मजबूत मिसाल कायम करती है और भविष्य में पुलिस के लिए उच्च मानक तय करती है।
साइबर क्राइम से निपटने की चुनौतियां और आगे की राह:
साइबर क्राइम एक जटिल और लगातार विकसित हो रहा क्षेत्र है, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञता और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता होती है। पंजाब पुलिस का यह ऑपरेशन दिखाता है कि कैसे राज्यों के बीच तालमेल और आधुनिक तकनीकी उपकरणों के सहारे ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
इस केस में सात और लोगों को नामजद किया गया है और पुलिस अन्य संभावित अपराधियों की तलाश में जुटी है। इस गिरोह के द्वारा किए गए अन्य साइबर अपराधों की भी जांच की जा रही है ताकि इसे पूरी तरह से नेस्तनाबूद किया जा सके।
साइबर अपराध के इस जाल को तोड़ने में पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ा कदम है। यह ऑपरेशन न केवल पुलिस बल की तत्परता और तकनीकी विशेषज्ञता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि साइबर क्राइम के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अंतरराज्यीय सहयोग कितनी बड़ी भूमिका निभा सकता है। आगे चलकर, इस तरह की कार्रवाई अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है और साइबर अपराधियों के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बना सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराध से निपटने के लिए सतर्कता और तकनीकी कौशल की कितनी जरूरत है। पंजाब पुलिस की यह सफलता साइबर सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।