श्रावस्ती में बाढ़ की तबाही: राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से गाँवों में मची तबाही
के कुमार आहूजा 2024-09-30 15:51:48
श्रावस्ती में बाढ़ की तबाही: राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से गाँवों में मची तबाही
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। राप्ती नदी, जो नेपाल से बहकर भारत आती है, के जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते आस-पास के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, और स्थानीय लोग अब अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। एक स्थानीय निवासी का दर्द बयां करते हुए कहा, "हम पिछले तीन सालों से सरकार को पत्र लिख रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। हमने लाखों रुपए खर्च करके पेड़ लगाए थे, पर सब बह गया। अब हमें मजबूर होकर अपना घर तोड़ना पड़ रहा है।"
राप्ती नदी का कहर और बाढ़ की तबाही
श्रावस्ती जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश ने राप्ती नदी को उफान पर ला दिया है, जिससे आसपास के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। बारिश और बाढ़ के कारण ग्रामीणों को अपनी जीवनभर की कमाई गंवानी पड़ी है। बाढ़ ने सड़कों, खेतों, और मकानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। इस स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब, हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि लोग अपने घरों को खुद तोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं ताकि किसी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके। राप्ती नदी के उफान से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक कई इलाकों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सरकारी उदासीनता और लोगों की नाराजगी
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पिछले तीन सालों से प्रशासन को पत्र लिखे, अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया। एक निवासी ने बताया, "हमने जिला मजिस्ट्रेट (DM), उपजिलाधिकारी (SDM), और कमिश्नर तक को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अधिकारी यहां आते हैं, स्थिति का जायजा लेते हैं और फिर चले जाते हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने गांव में लाखों रुपए का निवेश करके पेड़-पौधे लगाए थे, लेकिन बाढ़ ने सबकुछ बहा दिया। अब हालात इतने खराब हो चुके हैं कि गांव के लोग अपने घरों को तोड़ने पर मजबूर हो गए हैं ताकि किसी दुर्घटना का सामना न करना पड़े।
नेपाली सीमा से आने वाली राप्ती नदी का उफान
राप्ती नदी नेपाल से भारत में प्रवेश करती है, और हर साल मॉनसून के दौरान इस नदी का जलस्तर बढ़ता है। इस बार की भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। नेपाल में भी लगातार बारिश होने के कारण नदी का पानी तेजी से भारत की ओर बढ़ रहा है। इसके चलते उत्तर प्रदेश के कई जिले, विशेषकर श्रावस्ती, बहराइच और गोंडा, बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
गांवों में बाढ़ की स्थिति और जीवन पर असर
बाढ़ के कारण न केवल लोगों के घर बह गए, बल्कि उनकी आजीविका भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। गांवों के खेत बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं, जिससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कई गांवों में पीने का पानी भी दूषित हो गया है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
वहीं, दूसरी ओर, लोग राहत सामग्री और सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कई स्थानों पर लोग अपनी सुरक्षा के लिए ऊंचे स्थानों की ओर जा रहे हैं, लेकिन वहां भी उन्हें आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
प्रभावित गांवों में राहत कार्यों की कमी
बाढ़ प्रभावित गांवों में अभी तक राहत कार्य पूरी तरह से नहीं पहुंच पाए हैं। स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कई जगहों पर बाढ़ का पानी इतना बढ़ चुका है कि सड़कों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। कुछ इलाकों में नावों के जरिए लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी भी हजारों लोग पानी में फंसे हुए हैं।
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, "हमें खाने-पीने की वस्तुएं भी नहीं मिल रही हैं। बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।" इसके अलावा, कई लोग अपने मवेशियों और सामान को बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन पानी का बढ़ता स्तर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि बाढ़ की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि स्थिति बेहद गंभीर है और प्रशासन की ओर से की जा रही कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं।
भविष्य की चुनौतियां और समाधान
इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए एक मजबूत और प्रभावी आपदा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता है। बाढ़ की घटनाएं हर साल उत्तर प्रदेश के इन इलाकों में देखने को मिलती हैं, लेकिन इसके बावजूद राहत और बचाव कार्यों में लापरवाही आम बात है। सरकार और प्रशासन को दीर्घकालिक समाधान पर काम करना होगा ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को स्थायी राहत मिल सके।
राप्ती नदी के उफान और बाढ़ से श्रावस्ती के गांवों में जो तबाही मची है, उसने सरकारी व्यवस्था की कमियों को उजागर कर दिया है। लोगों ने अपनी सालों की कमाई खो दी है, और अब उन्हें अपने घरों को छोड़कर कहीं और जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार को इन प्रभावित लोगों की मदद के लिए तुरंत और ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि उनकी जिंदगी दोबारा पटरी पर आ सके।