गया से पिंडदान के बाद घर लौट रही बस की भीषण दुर्घटना, तीन की मौत, 11 घायल"
के कुमार आहूजा 2024-09-30 09:56:42
गया से पिंडदान के बाद घर लौट रही बस की भीषण दुर्घटना, तीन की मौत, 11 घायल"
दर्दनाक सड़क हादसे ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से गया (बिहार) पिंडदान के लिए गए तीर्थयात्रियों के समूह के बीच शोक की लहर फैला दी। दुर्घटना तब हुई जब उनकी बस बिहार के कैमूर जिले में एक खड़े ट्रक से टकरा गई। इस भीषण हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। हादसा मोहनिया थाना क्षेत्र के पास हुआ, जब बस चालक नींद में था और नियंत्रण खो बैठा। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
हादसे की प्रमुख जानकारी:
यह घटना उस समय हुई जब बाराबंकी से पिंडदान के लिए गया गए श्रद्धालुओं की बस वापस लौट रही थी। कैमूर जिले के मोहनिया क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़ी एक ट्रक से उनकी बस तेज गति में आकर टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बस का चालक नींद में था और उसने खड़े ट्रक को नहीं देखा, जिसके कारण यह भीषण टक्कर हुई।
ASI शिव सिंह का बयान:
मोहनिया थाना के एएसआई शिव सिंह ने बताया, "ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रक खड़ा था और बस का चालक शायद सो रहा था, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। बस यात्रियों से भरी थी और वे गया से पिंडदान कर लौट रहे थे। ये लोग उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जा रहे थे।"
घायलों की स्थिति और इलाज:
हादसे में घायल 11 लोगों को तत्काल मोहनिया के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन की स्थिति गंभीर बताई जा रही है और उन्हें उन्नत इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। हादसे में घायल हुए अन्य यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि तीन यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया।
डीएसपी प्रदीप कुमार का बयान:
मोहनिया के डीएसपी प्रदीप कुमार ने कहा, "इस घटना में एक ट्रक और बस के बीच टक्कर हुई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है और अन्य घायल हैं। सभी घायलों का इलाज चल रहा है। हम आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं और दुर्घटना में शामिल लोगों की पहचान कर रहे हैं।"
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के मुताबिक, बस का चालक लंबे समय से गाड़ी चला रहा था, जिससे उसकी थकान बढ़ गई थी और उसने नींद में नियंत्रण खो दिया। बताया जा रहा है कि ट्रक पहले से सड़क किनारे खड़ा था, जिसे चालक शायद देख नहीं पाया। थकावट और नींद में होने के कारण वह ट्रक से टकरा गया। दुर्घटना के समय बस में करीब 14-15 यात्री सवार थे, जिनमें अधिकांश गया में पिंडदान करके लौट रहे श्रद्धालु थे।
परिवहन नियमों की अनदेखी:
यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और परिवहन नियमों की अनदेखी की ओर इशारा करता है। थके हुए चालक द्वारा वाहन चलाना बेहद खतरनाक हो सकता है, विशेषकर जब यात्रियों की सुरक्षा दांव पर हो। बस चालक की लापरवाही और थकावट के कारण हुए इस हादसे ने कई जिंदगियों को प्रभावित किया है। ऐसे मामलों में समय-समय पर ड्राइवरों का विश्राम आवश्यक होता है, ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं को टाला जा सके।
स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई:
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और दुर्घटनाग्रस्त बस और ट्रक को हटवाने का काम शुरू किया। घायलों को तुरंत एम्बुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से संपर्क कर उन्हें सूचित किया और उनके लिए मुआवजे की प्रक्रिया भी शुरू की। वहीं पुलिस इस हादसे की गहन जांच कर रही है कि क्या बस चालक के खिलाफ कोई और कानूनी कार्रवाई हो सकती है या नहीं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा गया, क्योंकि इस क्षेत्र में सड़क हादसों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कई लोगों का कहना था कि प्रशासन को इस मार्ग पर ट्रक और अन्य भारी वाहनों की पार्किंग के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही, सड़क किनारे खड़े वाहनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए उचित संकेतों और रिफ्लेक्टरों का इस्तेमाल होना चाहिए।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता:
इस हादसे ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि सड़क पर सुरक्षा के नियमों का पालन कितना आवश्यक है। विशेष रूप से उन लंबी दूरी की यात्राओं के दौरान जहां चालक लगातार गाड़ी चला रहे होते हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, परिवहन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके चालक नियमित अंतराल पर विश्राम करें और सड़क पर किसी भी खतरनाक स्थिति से बचने के लिए सतर्क रहें।
बहरहाल, गया से लौट रही इस बस की दुखद दुर्घटना ने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। तीन लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने के बाद प्रशासन को अब सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ड्राइवरों की थकान और अनियमित पार्किंग जैसी समस्याओं का समाधान ढूंढना अनिवार्य है। यह घटना एक कड़ा संदेश देती है कि सड़क पर छोटी सी लापरवाही भी कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।