कठुआ में आतंकियों से मुठभेड़: एक आतंकी ढेर, पुलिसकर्मी ने दिया सर्वोच्च बलिदान


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-09-30 07:59:47



कठुआ में आतंकियों से मुठभेड़: एक आतंकी ढेर, पुलिसकर्मी ने दिया सर्वोच्च बलिदान

 

♦ सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से चुनाव के तीसरे चरण में आतंकियों की साजिश नाकाम

जम्मू-कश्मीर का कठुआ जिला फिर एक बार सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ का गवाह बना। रविवार को कठुआ के एक दूरदराज़ गांव में जारी इस मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी मारा गया, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो अधिकारी घायल हो गए। इस अभियान ने जहां एक ओर आतंकियों की साजिश को विफल किया, वहीं एक बहादुर पुलिसकर्मी ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

मुठभेड़ की शुरुआत और जानकारी

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, कठुआ जिले के गांव कोग (मंडली) में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच फायरिंग हुई, जिसमें एक आतंकी मारा गया। हालाँकि, इस दौरान एक पुलिसकर्मी, हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद, गोलीबारी में शहीद हो गए। दो अन्य अधिकारी, डीएसपी ऑपरेशंस सुखबीर और एएसआई नियाज़ अहमद भी घायल हुए, जिन्हें तत्काल एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भेजा गया।

घटनास्थल की स्थिति और ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) आनंद जैन ने जानकारी दी कि कठुआ के कोग गांव में तीन से चार आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने तत्काल इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच भारी गोलीबारी हुई।

ADGP ने कहा, "हमने इस क्षेत्र में आतंकियों की उपस्थिति की सूचना मिलने पर ऑपरेशन शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान हमारे हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद ने अपनी जान गंवाई, लेकिन उन्होंने आतंकियों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे डीएसपी और एएसआई भी घायल हुए, लेकिन वे अब स्थिर हैं।"

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि ये आतंकी विदेशी हो सकते हैं और वे किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए क्षेत्र में घुसे थे। हालांकि, ऑपरेशन अभी जारी है और आगे की जांच से ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

शहीद हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद का बलिदान

मुठभेड़ के दौरान हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद ने आतंकियों के खिलाफ जमकर मुकाबला किया। अपनी बहादुरी से उन्होंने एक आतंकी को मार गिराया, लेकिन इस दौरान वे भी घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस के प्रेस नोट में बताया गया कि बशीर अहमद ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी जान की बाज़ी लगा दी और देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया।

बशीर अहमद के बलिदान पर जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन ने गहरा शोक व्यक्त किया। ADGP आनंद जैन ने कहा, "हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद ने वीरता और साहस का परिचय देते हुए आतंकियों से मुठभेड़ की और अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों को मार गिराया। उनकी शहादत को हम हमेशा याद रखेंगे।"

घायल पुलिसकर्मियों की स्थिति

मुठभेड़ में घायल डीएसपी ऑपरेशंस सुखबीर और एएसआई नियाज़ अहमद को तुरंत इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया गया। उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है और दोनों का इलाज जम्मू के एक अस्पताल में चल रहा है। सुरक्षाबलों का कहना है कि इन अधिकारियों की बहादुरी के कारण ही इस मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर हो सका और बाकी आतंकियों की तलाश जारी है।

आतंकवाद और चुनाव सुरक्षा की चुनौतियाँ

यह मुठभेड़ उस वक्त हुई जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का तीसरा चरण चल रहा है। ADGP आनंद जैन ने बताया कि चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। उन्होंने कहा, "हमारे जवान हर स्थिति के लिए तैयार हैं। हमने चुनावों के तीसरे चरण के लिए भी सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर लिए हैं ताकि आतंकियों की किसी भी साजिश को नाकाम किया जा सके।"

पिछले कुछ समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है। आतंकवादी लगातार चुनावों को बाधित करने और भय का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबल मुस्तैदी से उनका सामना कर रहे हैं।

जारी रहेगा ऑपरेशन

ADGP जैन के अनुसार, कठुआ के इस ऑपरेशन में अभी और भी आतंकियों की मौजूदगी की संभावना है, इसलिए इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर रखा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई आतंकी फरार न हो सके। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इलाके में तीन से चार आतंकी छिपे हुए थे, जिनमें से एक को मार गिराया गया है, लेकिन बाकी आतंकियों की तलाश जारी है।

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि चुनावी प्रक्रिया पर इसका कोई असर न पड़े और आम जनता सुरक्षित रहे।

कठुआ में हुआ यह मुठभेड़ एक बार फिर साबित करता है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की साजिशों को रोकने के लिए सुरक्षाबल दिन-रात तैनात हैं। हेड कॉन्स्टेबल बशीर अहमद की शहादत और घायल पुलिसकर्मियों की बहादुरी ने इस अभियान को सफल बनाया। इस घटना ने यह भी साफ किया कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति में आतंकियों को उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच, आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऐसे अभियानों से सुरक्षा और भी सख्त हो गई है। सुरक्षाबल और पुलिस प्रशासन ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि चुनावी प्रक्रिया सुरक्षित और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होगी, और आतंकवाद के खिलाफ उनकी मुहिम लगातार जारी रहेगी।


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