मणिपुर के पहाड़ी इलाकों, खासकर चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में एक बार फिर से तनाव का माहौल
के कुमार आहूजा 2024-09-30 06:43:25
मणिपुर में कुकी-ज़ो समुदाय पर हमले की आशंका: बंद के बीच तनावपूर्ण शांति
मणिपुर के पहाड़ी इलाकों, खासकर चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में एक बार फिर से तनाव का माहौल है। विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा संभावित हमले की आशंका के चलते शुक्रवार से बंद की शुरुआत हुई, जो रविवार तक जारी है। कुकी-ज़ो जनजातीय समुदाय के खिलाफ संभावित हिंसा की आशंका ने इलाके में सुरक्षा और शांति की स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
कुकी-ज़ो समुदाय की सुरक्षा पर चिंता:
मणिपुर के कुकी-ज़ो जनजातीय समुदाय पर हमले की आशंका ने वहां के स्थानीय निवासियों और संगठनों को अलर्ट कर दिया है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) और अन्य आदिवासी संगठनों ने 25 सितंबर को कुकी-ज़ो जनजातियों को निर्देश दिया था कि वे 26 से 29 सितंबर के बीच अपने क्षेत्रों से बाहर यात्रा न करें। इन संगठनों ने दावा किया कि 900 कुकी उग्रवादियों के म्यांमार से मणिपुर में घुसपैठ की आशंका जताई जा रही है, जो संभावित रूप से हिंसा फैला सकते हैं।
हालांकि, मणिपुर पुलिस और सुरक्षा सलाहकार ने बाद में इस आशंका को खारिज कर दिया, लेकिन आदिवासी संगठनों ने अपनी तरफ से चौकसी बढ़ा दी। ITLF द्वारा किए गए आपातकालीन बैठक में 26 से 29 सितंबर तक कुकी-ज़ो समुदाय और मेइती समुदाय के बीच सीमा बंद करने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही 27 से 29 सितंबर तक स्कूल, कार्यालय और अन्य संस्थानों को भी बंद रखने का ऐलान किया गया।
बंद के दौरान गतिविधियाँ और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
शनिवार को दुकानों, बाजारों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने की खबरें आईं। इसके अलावा, सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य वाहनों की आवाजाही भी पूरी तरह से बंद है। हालाँकि, प्रशासन और सुरक्षा बलों ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
कई संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है, जिनमें प्रमुख रूप से कुकी-इंपी सदार हिल्स और कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) शामिल हैं। ये बंद मुख्य रूप से मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह के 20 सितंबर को दिए गए बयान के विरोध में है। उनके बयान में कहा गया था कि 900 कुकी उग्रवादी म्यांमार से मणिपुर में घुसपैठ कर सकते हैं और राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा फैला सकते हैं।
सरकार का दावा और स्थिति की सच्चाई:
हालांकि, 25 सितंबर को मणिपुर के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस राजीव सिंह और सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह द्वारा संयुक्त बयान जारी कर इस दावे को खारिज कर दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ और हमले की संभावना असत्यापित है। बयान में कहा गया कि "900 प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों की घुसपैठ और 28 सितंबर को हमले की योजना की कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।"
इस खंडन के बावजूद, आदिवासी संगठनों ने अपने अनुयायियों और समुदाय को सतर्क रहने की सलाह दी है। स्थानीय संगठनों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवकों और नागरिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
आदिवासी समुदाय की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताएँ:
कुकी-ज़ो समुदाय ने इस तनावपूर्ण स्थिति में सुरक्षा के मद्देनजर सीमाओं को बंद करने और आवश्यक सेवाओं को रोकने का निर्णय लिया है। यह कदम उनके समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया गया है, खासकर तब जब राज्य में उग्रवादी गतिविधियों और घुसपैठ की संभावना जताई जा रही हो।
ITLF और अन्य आदिवासी संगठनों का मानना है कि इस तरह के बंद और सतर्कता ही उनके समुदाय को संभावित हिंसा से बचा सकते हैं। हालांकि, प्रशासन ने अब तक किसी भी हिंसा या अप्रिय घटना की रिपोर्ट नहीं दी है, लेकिन फिर भी कुकी-ज़ो समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
बंद का स्थानीय जनजीवन पर प्रभाव:
बंद की वजह से स्थानीय जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और बाजार बंद हैं, जिससे लोगों को दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। बंद के दौरान परिवहन सेवाएँ भी ठप हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। व्यापारिक गतिविधियों पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है, खासकर उन इलाकों में जहां कुकी-ज़ो समुदाय का बाहुल्य है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बंद के चलते उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है, लेकिन वे सुरक्षा कारणों के चलते इस स्थिति को समझते हैं और समर्थन कर रहे हैं।
सुरक्षा बलों की भूमिका और प्रशासनिक कदम:
मणिपुर प्रशासन और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में कड़ी निगरानी रखी हुई है। सभी संभावित संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और सुरक्षा बलों द्वारा गश्त तेज कर दी गई है।
सुरक्षा बलों का कहना है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। प्रशासन द्वारा नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
बहरहाल, मणिपुर में कुकी-ज़ो और मेइती समुदायों के बीच बढ़ते तनाव ने राज्य में एक बार फिर से असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। संभावित हमले की आशंका के चलते बंद और हाई अलर्ट ने इलाके में जनजीवन को प्रभावित किया है। हालांकि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है, लेकिन दोनों समुदायों के बीच गहराते अविश्वास और असुरक्षा को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाना अब और भी जरूरी हो गया है।
स्थानीय संगठनों और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद और विश्वास बहाली की प्रक्रिया से ही इस तनावपूर्ण स्थिति को सुलझाया जा सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार और स्थानीय संगठन कैसे इस संवेदनशील मुद्दे को हल करते हैं।