ईरान या मिडिल ईस्ट का कोई भी स्थान इजराइल की पहुँच से बाहर नहीं- नेतन्याहू
के कुमार आहूजा 2024-09-30 06:08:17
ईरान या मिडिल ईस्ट का कोई भी स्थान इजराइल की पहुँच से बाहर नहीं- नेतन्याहू
इज़रायल और हिज़बुल्लाह के बीच हालिया तनाव चरम पर पहुंच गया है, जब इज़रायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने एक सटीक हवाई हमले में हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराया। इस घटना के बाद, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी इज़रायल को निशाना बनाएगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उनकी टिप्पणी ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा और मध्य पूर्व में स्थिति को और संवेदनशील बना दिया।
इज़रायली हवाई हमले में नसरल्लाह की मौत
शनिवार को, इज़रायल द्वारा किए गए एक हवाई हमले में हिज़बुल्लाह के शीर्ष नेता हसन नसरल्लाह की मृत्यु हो गई। यह हमला लेबनान की राजधानी बेइरुत में हुआ। इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना के बाद सार्वजनिक रूप से पहली बार टिप्पणी करते हुए इसे इज़रायल के लिए एक महत्वपूर्ण जीत के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस हमले को "आवश्यक कार्यवाही" बताते हुए कहा कि यह उन लोगों के खिलाफ बदला था जिन्होंने वर्षों से इज़रायली नागरिकों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिकों, जैसे कि सैकड़ों अमेरिकी और दर्जनों फ्रांसीसी नागरिकों की हत्या की थी।
नेतन्याहू की ईरान को चेतावनी
अपने भाषण में नेतन्याहू ने विशेष रूप से ईरान के आयतुल्लाह शासन को निशाना बनाते हुए कहा कि कोई भी स्थान, चाहे वह ईरान हो या मध्य पूर्व का कोई और हिस्सा, इज़रायल की पहुँच से बाहर नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इज़रायल अपनी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।
नेतन्याहू ने कहा:
"ईरान और मध्य पूर्व में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ इज़रायल का लंबा हाथ न पहुंचे। और आज आप देख सकते हैं कि यह कितना सच है।"
यह टिप्पणी नसरल्लाह की हत्या के बाद की गई थी, जो इज़रायल और हिज़बुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
हिज़बुल्लाह पर हमला: इज़रायल के लिए "इतिहास का निर्णायक मोड़"
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि नसरल्लाह की हत्या इज़रायल के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। उनका मानना था कि नसरल्लाह की मौत से हिज़बुल्लाह की क्षमताओं को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा,
"जब तक नसरल्लाह जीवित था, वह हिज़बुल्लाह की खोई हुई क्षमताओं को फिर से खड़ा कर सकता था। यही कारण था कि मैंने यह निर्णय लिया - और अब नसरल्लाह हमारे बीच नहीं है।"
यह घटना तब सामने आई जब इज़रायल के उत्तरी हिस्सों से हजारों लोगों को सीमा पार से की गई गोलीबारी के कारण अपने घरों से निकालना पड़ा था। इज़रायल का एक प्रमुख युद्ध उद्देश्य अपने नागरिकों को वापस उनके घरों में सुरक्षित रूप से लौटाना है।
युद्धविराम प्रस्ताव की अनदेखी
अपने भाषण में नेतन्याहू ने उस अमेरिकी-प्रायोजित युद्धविराम प्रस्ताव का कोई उल्लेख नहीं किया, जो इज़रायल-लेबनान सीमा पर संघर्ष को रोकने के लिए पेश किया गया था। इसके बजाय, उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय को दोहराया कि हिज़बुल्लाह और उनके सहयोगियों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी उन्होंने इसी तरह की आक्रामक टिप्पणी करते हुए ईरान के खिलाफ तीखी आलोचना की थी।
"जो भी हमें हराने की कोशिश करेगा, हम उसे हरा देंगे," नेतन्याहू ने आयतुल्लाह शासन को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने इस संघर्ष को "इतिहास का निर्णायक मोड़" बताया, जिसमें इज़रायल अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने और अपने दुश्मनों को हराने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
नसरल्लाह की मौत के प्रभाव
हसन नसरल्लाह की मौत न केवल हिज़बुल्लाह के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखी जा रही है। हिज़बुल्लाह, जो लंबे समय से इज़रायल के खिलाफ अपने आक्रामक रुख के लिए जाना जाता है, अब एक नेतृत्व संकट का सामना कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि नसरल्लाह के जाने के बाद संगठन की ताकत कमजोर हो सकती है, और इससे इज़रायल को अपने उत्तरी सीमा क्षेत्र को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, नसरल्लाह की मृत्यु से क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता पैदा होने का भी खतरा है। हिज़बुल्लाह के समर्थक और अन्य कट्टरपंथी गुट इस हमले का बदला लेने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं।
आगे की राह और क्षेत्रीय अस्थिरता
इज़रायल और हिज़बुल्लाह के बीच तनाव पहले से ही ऊंचाई पर था, और नसरल्लाह की हत्या ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। यह देखना बाकी है कि इस हमले के बाद हिज़बुल्लाह क्या कदम उठाएगा, लेकिन इज़रायल की तरफ से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वह अपने दुश्मनों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा।
इसके अलावा, ईरान और उसके सहयोगी इस हमले को क्षेत्र में अपने लिए एक बड़ा नुकसान मान सकते हैं, जिससे भविष्य में और संघर्ष होने की संभावना है। मध्य पूर्व में अस्थिरता पहले से ही एक ज्वलंत मुद्दा है, और नसरल्लाह की मौत ने इस आग में और घी डालने का काम किया है।
इज़रायल द्वारा हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या से क्षेत्रीय राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कड़ी चेतावनियों ने स्पष्ट कर दिया है कि इज़रायल अपने दुश्मनों के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। नसरल्लाह की मौत से हिज़बुल्लाह की स्थिति कमजोर हो सकती है, लेकिन यह भी संभव है कि इससे मध्य पूर्व में और हिंसा भड़क जाए। नेतन्याहू का ईरान को खुला संदेश दर्शाता है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में और अधिक संघर्ष देखने को मिल सकता है।