आँखों की रोशनी बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मधुमेह से पीड़ित? अब नज़र के लिए है खतरा!
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-09-30 04:15:55
बीकानेर में मधुमेह रेटिनोपैथी जाँच शिविर का आयोजन: आँखों की रोशनी बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मधुमेह से पीड़ित? अब नज़र के लिए है खतरा!
रेटिनोपैथी जाँच शिविर में जानें आँखों की देखभाल के उपाय
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बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग ने 29 सितंबर 2024 को विश्व रेटिना दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण मधुमेह रेटिनोपैथी जाँच शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का उद्देश्य मधुमेह से पीड़ित लोगों को आँखों की जाँच के प्रति जागरूक करना और मधुमेह के कारण होने वाली रेटिनोपैथी जैसी गंभीर समस्याओं से बचाव के उपायों पर जानकारी देना था।
मधुमेह और रेटिनोपैथी का संबंध
मधुमेह (डायबिटीज) न केवल शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करता है, बल्कि यह आँखों पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है। आँखों की यह समस्या, जिसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है, मधुमेह के मरीजों के लिए बेहद घातक हो सकती है, यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए। भारत में लगभग 11.4% लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, और इनमें से हर छठे व्यक्ति को डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा रहता है।
इस शिविर का आयोजन रेटिना विशेषज्ञ डॉ. शिल्पी कोचर के नेतृत्व में किया गया, जिसमें करीब 50 मरीजों की आँखों के पर्दे की जाँच अत्याधुनिक OCT मशीन और फंडस कैमरा द्वारा की गई। डॉ. शिल्पी कोचर ने मरीजों को जागरूक करते हुए बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी एक गंभीर स्थिति है, जिसमें आँखों के पर्दे पर असर पड़ता है। यदि इसका सही समय पर उपचार न किया जाए, तो व्यक्ति की दृष्टि हमेशा के लिए खो सकती है।
आँखों की नियमित जाँच है जरूरी
डॉ. कोचर ने मरीजों को इस बात पर ज़ोर देते हुए बताया कि मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए नियमित रूप से आँखों की जाँच कराना बेहद ज़रूरी है। अगर समय रहते इसका पता चल जाए, तो लेज़र उपचार, आँखों में दिए जाने वाले इंजेक्शन या ऑपरेशन द्वारा आँखों की दृष्टि में सुधार किया जा सकता है। शिविर में ऐसे कई मरीजों ने हिस्सा लिया, जिनका रेटिना क्लिनिक के अंतर्गत इलाज चल रहा था। इन मरीजों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आँखों के पर्दे में दिए गए इंजेक्शनों से उनकी दृष्टि में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
शिविर का सफल आयोजन और सहयोग
इस एक दिवसीय शिविर के सफल आयोजन में नेत्र विभाग के मेडिकल ऑफिसर डॉ. मनोज, रेजिडेंट डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभागाध्यक्ष डॉ. कल्पना जैन ने बताया कि यह शिविर मधुमेह रेटिनोपैथी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। उन्होंने बताया कि आँखों की समय पर जाँच और सही उपचार से दृष्टिहीनता को रोका जा सकता है।
रेटिना की जांच में O.C.T. मशीन और Fundus Camera का महत्व
शिविर में इस्तेमाल की गई O.C.T. मशीन और Fundus Camera नेत्र रोग विशेषज्ञों के लिए बेहद मददगार साबित हुए। इन उपकरणों की सहायता से डॉक्टरों ने आँखों के पर्दे की गहराई से जाँच की और मरीजों की स्थिति का सही मूल्यांकन किया। मरीजों को बताया गया कि मधुमेह के कारण आँखों में उत्पन्न समस्याओं को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है।
O.C.T. मशीन के जरिए रेटिना की परतों की विस्तृत तस्वीर ली जाती है, जिससे डॉक्टर यह समझ सकते हैं कि रेटिना किस हद तक प्रभावित हो चुकी है। फंडस कैमरा आँखों के अंदर की तस्वीर खींचता है, जिससे डॉक्टर को समस्या का सटीक निदान करने में मदद मिलती है।
मधुमेह से बचाव और रेटिनोपैथी से उपचार
मधुमेह रोगियों को सलाह दी गई कि वे अपनी ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें और नियमित रूप से आँखों की जाँच कराते रहें। इस शिविर में यह भी बताया गया कि अगर शुरुआती चरण में रेटिनोपैथी का पता लग जाए, तो लेज़र उपचार या आँखों में विशेष इंजेक्शन देकर दृष्टि में सुधार किया जा सकता है। जिन मरीजों को लंबे समय से मधुमेह है, उन्हें साल में कम से कम एक बार आँखों की जाँच जरूर करानी चाहिए।
डॉ. शिल्पी कोचर ने यह भी बताया कि सही समय पर उपचार न होने पर रेटिनोपैथी के कारण मरीज की दृष्टि हमेशा के लिए खो सकती है। ऐसे में इस तरह के जागरूकता शिविरों का आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि लोग समय पर अपनी जाँच कराएं और संभावित समस्याओं से बच सकें।
संपूर्ण आयोजन की विशेषताएं और संदेश
यह एक दिवसीय मधुमेह रेटिनोपैथी जाँच शिविर नेत्र विभाग द्वारा आयोजित किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य मधुमेह से पीड़ित मरीजों को आँखों की देखभाल के प्रति जागरूक करना था। विभागाध्यक्ष डॉ. कल्पना जैन ने इस अवसर पर बताया कि भारत में मधुमेह के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस तरह के शिविर बेहद जरूरी हैं। इस शिविर के सफल आयोजन में मेडिकल स्टाफ, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का विशेष योगदान रहा।