लातूर में भारी बारिश से तबाही: उस्मानपुरा रोड पर जलभराव से सैकड़ों घर प्रभावित
के कुमार आहूजा 2024-09-29 21:15:18
लातूर में भारी बारिश से तबाही: उस्मानपुरा रोड पर जलभराव से सैकड़ों घर प्रभावित
महाराष्ट्र के लातूर जिले में भारी बारिश ने कहर बरपाया, जिसके चलते उस्मानपुरा रोड पर सैकड़ों घर जलमग्न हो गए। नगर निगम की लापरवाही से साफ-सफाई न होने के कारण नालियों की हालत बदतर हो गई, जिससे पानी की निकासी संभव नहीं हो पाई। नागरिकों का कहना है कि कई घरों में रखा अनाज और सामान पानी में बह गया है। प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
भारी बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
लातूर जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस बारिश ने उस्मानपुरा रोड को बुरी तरह प्रभावित किया है, जहां सौ से अधिक घरों में पानी घुस चुका है। बारिश के चलते आम जीवन बाधित हो गया, और स्थानीय लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं।
नगर निगम की लापरवाही पर जनता का गुस्सा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम ने बारिश से पहले नालियों की सफाई नहीं की, जिसके कारण नालियों में जमा कचरा और मिट्टी ने जलजमाव की स्थिति को और विकट बना दिया। सड़कों और गलियों में पानी इतना भर गया कि घरों के अंदर तक पानी पहुंच गया, जिससे लोगों का घरेलू सामान और अनाज खराब हो गया। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
अनाज और घरेलू सामान को भारी नुकसान
उस्मानपुरा रोड के निवासी इस जलभराव से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कई घरों में जमा किया हुआ अनाज और अन्य महत्वपूर्ण सामान पानी में बह गया है। लोगों को अब खाने-पीने की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सवाल
भारी बारिश और जलजमाव की समस्या के बावजूद प्रशासन की तरफ से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम ने समय पर नालियों की सफाई की होती, तो यह समस्या इतनी विकराल नहीं होती। अब लोगों को सरकारी मदद की उम्मीद है, लेकिन राहत कार्यों की धीमी गति को देखते हुए लोग निराश हैं।
भविष्य के लिए क्या है तैयारी?
लातूर जिले में इस तरह की भारी बारिश कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भी इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन प्रशासन ने इसके लिए कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला है। इस बार की बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारी की पोल खोल दी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या कदम उठाता है।
लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
स्थानीय लोग प्रशासन से तत्काल राहत कार्य शुरू करने और नालियों की सफाई के लिए ठोस योजना बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, जलभराव वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था करने की भी जरूरत है। प्रशासन को जलजमाव को रोकने और भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनानी चाहिए।
प्राकृतिक आपदा या मानवजनित त्रासदी?
हालांकि भारी बारिश एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही और जल निकासी की अपर्याप्त व्यवस्था ने इसे मानवजनित त्रासदी में बदल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते नालियों की सफाई और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था की होती, तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। अब जनता और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे इस समस्या से कैसे निपटते हैं।