बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा हटने के बाद यातायात बहाल, चमोली में भारी बारिश से हाईवे हुआ था अवरुद्ध


के कुमार आहूजा  2024-09-29 21:10:29



बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा हटने के बाद यातायात बहाल, चमोली में भारी बारिश से हाईवे हुआ था अवरुद्ध

उत्तराखंड के चमोली जिले में हुई भारी बारिश ने एक बार फिर बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को मलबे से अवरुद्ध कर दिया था। यह अवरोध मुख्य रूप से चटवा पीपल क्षेत्र में हुआ, जहां पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा सड़कों पर आ गिरा, जिससे यातायात बाधित हो गया। मंगलवार की रात से शुरू हुई लगातार बारिश ने पहाड़ी क्षेत्रों में तबाही मचाई, जिसके कारण यह मलबा गिरने की घटना हुई। राहत की बात यह रही कि समय रहते प्रशासन ने कार्यवाही की, और अब यातायात को पुनः चालू कर दिया गया है।

प्रभावित क्षेत्र और कारण

इस बार चटवा पीपल क्षेत्र में सबसे ज्यादा मलबा गिरने की घटना हुई। भारी बारिश के चलते पहाड़ी से मलबा राजमार्ग पर आ गिरा, जिससे यातायात पूरी तरह से बंद हो गया। प्रशासन के अनुसार, यह अवरोध मुख्य रूप से नंदप्रयाग और जोशीमठ के पागलनाला क्षेत्र में देखा गया। चमोली पुलिस ने इस अवरुद्ध रास्ते की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें कहा गया कि नंदप्रयाग और जोशीमठ क्षेत्रों में मलबा गिरने से सड़कों पर यातायात रुक गया था।

प्रशासनिक हस्तक्षेप और राहत कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही शुरू की। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों और श्रमिकों को तुरंत मौके पर भेजा गया। बारिश के बीच भी सड़क से मलबा हटाने के कार्य को प्राथमिकता दी गई, ताकि महत्वपूर्ण राजमार्ग को जल्दी से जल्दी चालू किया जा सके। चमोली पुलिस ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी कि मलबा हटाने के बाद राजमार्ग को सभी प्रकार के वाहनों के लिए खोल दिया गया है, जिससे यातायात पुनः सामान्य हो गया।

मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम खराब बना रह सकता है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इसके साथ ही, अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश और आंधी-तूफान की भी संभावना जताई जा रही है। यह खराब मौसम पश्चिमी विक्षोभ और राजस्थान में चक्रवाती प्रणाली के प्रभाव से हो रहा है, जिसके चलते उत्तराखंड में बारिश की तीव्रता बढ़ रही है।

स्थानीय निवासियों पर प्रभाव

इस मलबे और अवरुद्ध राजमार्ग की वजह से स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। बद्रीनाथ मार्ग का यह हिस्सा न केवल स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए भी यह एक प्रमुख मार्ग है। बारिश और मलबे की वजह से कई घंटों तक यातायात रुका रहा, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि, राहत की बात यह रही कि कोई बड़ी दुर्घटना या जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

आवश्यक सेवाएं और प्रशासन की तैयारी

भारी बारिश और मलबे के कारण इस क्षेत्र में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। बिजली की कटौती, जलभराव और संचार सेवाओं में व्यवधान जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। प्रशासन द्वारा राहत कार्यों के साथ-साथ, स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, खासकर उन क्षेत्रों में जो भू-स्खलन की दृष्टि से संवेदनशील हैं। जोशीमठ और नंदप्रयाग जैसे क्षेत्रों में पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, इसलिए प्रशासन द्वारा पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है।

भविष्य की योजनाएं

भारी बारिश और भू-स्खलन की बार-बार होने वाली घटनाओं को देखते हुए, सरकार और प्रशासन को दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर जल निकासी प्रणाली और सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की घटनाओं से निपटा जा सके। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में भी सुधार की आवश्यकता है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के समय में स्थानीय निवासियों और यात्रियों को अधिक सुरक्षित महसूस कराया जा सके।

यात्रियों के लिए सुझाव

चमोली और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम खराब होने की वजह से यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य प्राप्त करें। प्रशासन द्वारा समय-समय पर सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों के जरिए मार्ग की स्थिति की जानकारी दी जा रही है। साथ ही, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षित मार्गों का चयन करने की सलाह दी जा रही है।

बहरहाल, चमोली जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का मलबा हटने के बाद यातायात बहाल हो गया है, लेकिन मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही से मार्ग को खोलने में सफलता मिली, जिससे यात्रियों को राहत मिली। इस घटना ने एक बार फिर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की संवेदनशीलता को उजागर किया है और सरकार के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता को भी बल दिया है।


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