लगातार बारिश ने मचाई तबाही, 39 लोगों की जान गई, सैकड़ों बेघर, राहत कार्य तेज
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-09-29 21:06:22
लगातार बारिश ने मचाई तबाही, 39 लोगों की जान गई, सैकड़ों बेघर, राहत कार्य तेज
नेपाल के काठमांडू घाटी और अन्य सात जिलों में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने तबाही मचा दी है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। नेपाल पुलिस और सशस्त्र बल के जवान राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है।
हादसे की शुरुआत और बढ़ते संकट
नेपाल में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। लगातार हो रही इस बारिश ने काठमांडू घाटी सहित आठ जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। नेपाल पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं। मृतकों में काठमांडू से 9, ललितपुर से 16, भक्तपुर से 5, कावरेपालांचोक से 3, पंचथर और धनकुटा से 2-2 तथा झापा और धादिंग से 1-1 व्यक्ति शामिल हैं।
काठमांडू घाटी में गंभीर स्थिति
myrepublica.com की रिपोर्ट के अनुसार काठमांडू घाटी के तीन प्रमुख जिले - काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर - इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। ललितपुर में सबसे ज्यादा 16 मौतें हुई हैं, जबकि काठमांडू में 9 और भक्तपुर में 5 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ललितपुर पुलिस कार्यालय के डिप्टी सुपरिटेंडेंट (DSP) नरहरी अधिकारी ने बताया कि ललितपुर में 16 शवों को बरामद किया गया है, लेकिन अब भी 11 लोग लापता हैं।
राहत और बचाव कार्य
इस आपदा के दौरान, नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (APF) ने 1,947 जवानों को आपदा राहत के लिए तैनात किया है। विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और जलभराव के कारण फंसे लोगों को बचाने के लिए 23 राफ्टिंग बोट भी तैनात की गई हैं। APF के सह-प्रवक्ता, DSP शैलेंद्र थापा ने बताया कि अब तक 760 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इनमें से कई लोग बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए थे, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और विकलांग शामिल हैं।
विशेष रूप से भक्तपुर के मध्यपुर थिमी नगरपालिका में सुष्मा कोइराला मेमोरियल अस्पताल में इलाज करा रहे विकलांगता से ग्रस्त 18 बच्चों को भी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, क्योंकि अस्पताल के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो चुका था।
भारी नुकसान और आपदा प्रबंधन की चुनौती
भारी बारिश और बाढ़ के कारण नेपाल के कई इलाकों में आवागमन बाधित हो गया है। भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और कुछ स्थानों पर पुल भी बह गए हैं। ग्रामीण इलाकों में कई घर बाढ़ के पानी में बह गए हैं, जिससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही मुश्किल हो गई है, और राहत सामग्री पहुंचाने में भी बाधाएं आ रही हैं।
नेपाल के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि वे राहत और बचाव कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। राहत दल लगातार प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं।
बचाव कार्यों में चुनौतियां
राहत कार्यों में लगी टीमों के सामने कई चुनौतियां हैं। लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में। सड़कें अवरुद्ध हैं और कई स्थानों पर बिजली और संचार सेवाएं भी बाधित हैं। इसके बावजूद, नेपाल सरकार और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को आश्वासन दिया है कि वे सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश की जा रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी
नेपाल के मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश के जारी रहने की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। विभाग ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। इसके साथ ही, सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में न जाएं और सतर्क रहें।
नेपाल में आई इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर से दिखा दिया है कि किस प्रकार प्राकृतिक घटनाएं अचानक से जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती हैं। बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित लोगों के लिए अभी भी राहत कार्य जारी हैं, लेकिन आने वाले दिनों में मौसम के और बिगड़ने की संभावना के बीच चुनौतियां बरकरार हैं।