प्रशासनिक असफलता की कहानी: जलभराव और स्ट्रेचर की कमी, माँ को गोद में उठाए इलाज के लिए भटकता रहा युवक
के कुमार आहूजा 2024-09-29 12:28:14
प्रशासनिक असफलता की कहानी: जलभराव और स्ट्रेचर की कमी, माँ को गोद में उठाए इलाज के लिए भटकता रहा युवक
गोंडा जिला, उत्तर प्रदेश – स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर हालत का एक और उदाहरण गोंडा जिले के मेडिकल कॉलेज से सामने आया है। शुक्रवार को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। मूसलाधार बारिश और जलभराव से परेशान मेडिकल कॉलेज में एक युवक को अपनी बीमार मां को स्ट्रेचर न मिलने पर गोद में उठाकर इलाज के लिए अस्पताल के अंदर ले जाना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला है।
मेडिकल कॉलेज की लापरवाही और जनता की नाराजगी
गुरुवार की रात से पूरे गोंडा जिले में हो रही लगातार बारिश से मेडिकल कॉलेज का परिसर पूरी तरह से जलमग्न हो गया था। इसी बीच शुक्रवार को एक युवक अपनी मां को इलाज कराने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा। जब उसने अस्पताल कर्मियों से स्ट्रेचर की मांग की, तो उसे यह सुविधा नहीं मिल सकी। मजबूरी में, युवक को अपनी मां को गोद में उठाकर अस्पताल के भीतर ले जाना पड़ा।
जलभराव के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई थी, जिससे वहां तक पहुंचना और भी कठिन हो गया। यह दृश्य वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने अपने फोन में कैद कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद जनता ने स्वास्थ्य विभाग की इस गंभीर लापरवाही की आलोचना की है। सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा और मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर उठाए गए सवाल अब तेजी से बढ़ रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: अखिलेश यादव का हमला
वायरल वीडियो को समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर शेयर किया। उन्होंने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और भाजपा सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया। अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा, "गोंडा मेडिकल कॉलेज में बीमार मां के लिए स्ट्रेचर न मिलने पर बेटे को उन्हें गोद में उठाकर 'जलमग्न अस्पताल' के अंदर ले जाना पड़ा। भाजपा सरकार कुशासन के उदाहरणों की पोथी है।"
उनके इस बयान के बाद मामले को लेकर राजनीतिक गर्मी और बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
मेडिकल कॉलेज की प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए गोंडा जिला मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. धनंजय कोठस्थाना ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज में जलभराव की समस्या पहले से ही गंभीर थी और इस कारण से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, स्ट्रेचर की अनुपलब्धता जैसी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जलभराव और मेडिकल कॉलेज की स्थिति
मूसलाधार बारिश के चलते गोंडा जिला मेडिकल कॉलेज का पूरा परिसर पानी में डूबा हुआ था। इस स्थिति ने न केवल मरीजों को बल्कि अस्पताल के कर्मचारियों को भी काफी परेशानी में डाल दिया। ऐसे में अस्पताल की सामान्य सेवाएं भी बाधित हो गई थीं। जलभराव की समस्या के कारण मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा, और इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कमियों को उजागर कर दिया।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: गंभीर चिंता का विषय
यह घटना उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति को दर्शाती है। गोंडा जिले का मेडिकल कॉलेज एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है, जहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे कि स्ट्रेचर न मिलना, मरीजों के लिए भारी परेशानी का कारण बनता है। यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
स्वास्थ्य सेवाओं के इस प्रकार की लापरवाही न केवल मरीजों के स्वास्थ्य पर असर डालती है बल्कि उन परिजनों के मानसिक तनाव को भी बढ़ाती है जो अपने प्रियजनों का इलाज कराने अस्पताल पहुंचते हैं। यह जरूरी है कि स्वास्थ्य विभाग ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए और अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की सुनिश्चितता हो।
गोंडा जिला मेडिकल कॉलेज की इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी अस्पतालों की बदहाल स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया है। स्ट्रेचर जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव और जलभराव की समस्या ने इस घटना को और भी गंभीर बना दिया। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में मरीजों को ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े।