झालावाड़ में धार्मिक आयोजन के दौरान दीवार ढही: 12 घायल, दो की हालत गंभीर


के कुमार आहूजा  2024-09-29 09:31:45



झालावाड़ में धार्मिक आयोजन के दौरान दीवार ढही: 12 घायल, दो की हालत गंभीर

कभी-कभी त्योहारों और धार्मिक आयोजनों की खुशी अचानक एक दुखद घटना में बदल जाती है। झालावाड़ जिले के मनोहरथाना कस्बे में शनिवार को हुए एक ऐसे ही धार्मिक कार्यक्रम के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया, जब एक कच्चे मकान की दीवार गिर गई, जिससे महिलाएं और बच्चे मलबे में दब गए। यह घटना इलाके में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर गई है, क्योंकि इस हादसे में 12 लोग घायल हुए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

घटना का विवरण:

शनिवार को झालावाड़ के मनोहरथाना कस्बे के चौहानपुरा गांव में सर्जन गुर्जर के घर एक धार्मिक आयोजन हो रहा था। यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण रूप से चल रहा था, और भोजन प्रसादी के दौरान महिलाएं और बच्चे घर के कच्चे मकान में भोजन कर रहे थे। तभी अचानक मकान की एक दीवार भरभरा कर गिर गई। दीवार गिरने के साथ ही चीख-पुकार मच गई, और कुछ महिलाएं और बच्चे मलबे में दब गए।

मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास:

घटना के तुरंत बाद ग्रामीण और रिश्तेदारों ने घायलों को मलबे से बाहर निकालने का प्रयास किया। घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आसपास के लोग और परिवारजन ने घायलों को तुरंत बाहर निकालने के बाद उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भेजा।

थाना प्रभारी का बयान:

मनोहरथाना थाना प्रभारी अमरनाथ जोगी ने बताया कि हादसे में कुल 12 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। दो महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें मनोहरथाना से प्राथमिक उपचार के बाद झालावाड़ के जिला अस्पताल में रेफर किया गया है। बाकी घायलों को मामूली चोटें आई थीं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

ग्रामीणों और रिश्तेदारों की त्वरित मदद:

दीवार गिरने के बाद मौके पर मौजूद ग्रामीणों और रिश्तेदारों ने तुरंत हरकत में आकर घायलों को मलबे से बाहर निकाला। अगर यह सहायता जल्दी नहीं मिलती, तो घायलों की संख्या और भी बढ़ सकती थी या स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। घटना के बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया और हर कोई इस अचानक आए हादसे से स्तब्ध था।

अस्पताल की स्थिति:

जिन घायलों को गंभीर चोटें आई थीं, उन्हें झालावाड़ जिला अस्पताल में रेफर किया गया है। अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है, और फिलहाल उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जिन अन्य घायलों को हल्की चोटें आई थीं, उन्हें उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

मकान की स्थिति और हादसे का कारण:

प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि मकान कच्चा था और पुराना होने के कारण दीवार कमजोर हो गई थी। धार्मिक आयोजन के दौरान जब अधिक संख्या में लोग मकान के अंदर मौजूद थे, तब अचानक दीवार का गिरना एक बड़ा हादसा साबित हुआ। हालांकि, दीवार गिरने का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है, और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर किस वजह से यह दीवार गिरी।

ग्रामीणों में दहशत और चिंता:

इस हादसे ने गांववासियों में दहशत और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। कच्चे मकानों की सुरक्षा को लेकर ग्रामीण अब अधिक सतर्क हो गए हैं। यह घटना उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि वे अपने पुराने और कच्चे मकानों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठा सकते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और भविष्य की दिशा:

पुलिस प्रशासन ने हादसे के तुरंत बाद कार्रवाई की और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, इस हादसे से एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है? कच्चे मकानों की स्थिति और संरचनात्मक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को और अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

झालावाड़ जिले के चौहानपुरा गांव में हुई यह घटना एक दुखद और चौंकाने वाली है। धार्मिक आयोजनों के दौरान ऐसी दुर्घटनाओं का होना किसी भी समुदाय के लिए दर्दनाक है। यह हादसा हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में सुरक्षा और सावधानी सबसे महत्वपूर्ण होती है, और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास की संरचनाओं और स्थितियों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और ग्रामीणों की मदद ने स्थिति को और खराब होने से रोका, लेकिन यह घटना भविष्य में सुरक्षा को लेकर नए विचार और योजनाएं मांगती है।


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