झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी पर लगी लगाम: जोधपुर में अवैध क्लिनिक पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा
के कुमार आहूजा 2024-09-29 04:46:59
झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी पर लगी लगाम: जोधपुर में अवैध क्लिनिक पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा
झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या से आम जनता की सेहत पर लगातार खतरे मंडरा रहे हैं। ऐसे में जोधपुर स्वास्थ्य विभाग ने अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे क्लीनिक बिना किसी वैध डिग्री के लोगों का इलाज कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं बल्कि आमजन की जान भी खतरे में है। हाल ही में जोधपुर के केरू गांव में एक ऐसा ही अवैध क्लिनिक सीज किया गया, जिसमें बिना किसी मेडिकल डिग्री के दवाइयों और उपचार की व्यवस्था थी।
स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई:
शनिवार को जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र के डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह सांखला के नेतृत्व में केरू गांव में एक अवैध रूप से संचालित क्लिनिक पर छापेमारी की गई। यह क्लिनिक किसी भी प्रकार के वैध पंजीकरण के बिना चल रहा था। जांच के दौरान क्लिनिक में बिना किसी मेडिकल डिग्री वाले व्यक्ति द्वारा इलाज करते हुए पाया गया। साथ ही, वहां दवाइयां, ड्रिप और बेड जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही थीं, जो कि पूरी तरह से अवैध थीं।
डॉ. सांखला ने बताया कि इस तरह के झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से आमजन को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बिना किसी डिग्री और अनुभव के इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा दिए जा रहे इलाज से मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का यह अभियान झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध क्लिनिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, ताकि आम जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
झोलाछाप डॉक्टरों की पकड़:
स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई इस कार्रवाई में यह भी पाया गया कि क्लिनिक का संचालक बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था। वहां बड़ी मात्रा में दवाइयों का स्टॉक और इलाज के लिए बेड भी मौजूद थे। इस प्रकार का क्लिनिक चलाने वाले लोग आमतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी वाले क्षेत्रों में गरीब और अशिक्षित लोगों को निशाना बनाते हैं। इन झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, जिससे लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सांखला ने बताया कि यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ शुरू किए गए विशेष अभियान का हिस्सा है। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले सभी संस्थान और व्यक्ति कानून के दायरे में आकर कार्य करें और आमजन को सुरक्षित चिकित्सा सुविधाएं मिलें।
क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट और इसके प्रावधान:
स्वास्थ्य संस्थानों के संचालन के लिए क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण जरूरी होता है। इस एक्ट के तहत क्लिनिक या अस्पताल का संचालन तभी किया जा सकता है जब उसे उचित प्रमाण पत्र और रजिस्ट्रेशन मिल जाए। इस पंजीकरण में संस्थान की संपूर्ण जानकारी, डॉक्टर की मेडिकल डिग्री, एक्सरे रजिस्ट्रेशन, और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल होते हैं। जो संस्थान इस एक्ट का पालन नहीं करते, उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।
डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने बताया कि जोधपुर जिले में कई ऐसे अस्पताल और क्लिनिक अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं, जो क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं हैं। अब ऐसे संस्थानों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की अवैध चिकित्सा प्रैक्टिस को रोका जा सके।
स्वास्थ्य विभाग का संकल्प:
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को सही और वैध चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। विभाग इस बात पर जोर दे रहा है कि हर व्यक्ति को सही चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच होनी चाहिए और अवैध संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसी क्रम में केरू के क्लिनिक को सीज करने के बाद संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है और राजीव गांधी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
इस कार्रवाई में स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम शामिल रही, जिसमें आरसीएचओ डॉ. कुणाल साहू और केरू बीसीएमएचओ डॉ. सुरेश कुमार भी प्रमुख रूप से मौजूद थे।
आमजन को सचेत करने की आवश्यकता:
स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य झोलाछाप डॉक्टरों से आमजन को बचाना है। हालांकि, यह जरूरी है कि लोग खुद भी सतर्क रहें और किसी भी अनाधिकृत क्लिनिक में इलाज करवाने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करें। अवैध रूप से चलने वाले क्लिनिकों की पहचान और रिपोर्ट करने के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है।
झोलाछाप डॉक्टरों की अवैध प्रैक्टिस पर स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल लोगों को सही और वैध चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी, बल्कि अवैध प्रैक्टिस करने वालों के खिलाफ सख्त संदेश भी जाएगा। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसी कार्रवाइयों को और तेज किया जाना चाहिए ताकि झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। साथ ही, आमजन को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए और अवैध चिकित्सा सेवाओं से दूर रहना चाहिए।