बिहार में बड़ा हादसा: बाखरपुर-बाबूपुर पुल ध्वस्त, सड़क संपर्क पूरी तरह टूटा


के कुमार आहूजा  2024-09-28 07:33:02



बिहार में बड़ा हादसा: बाखरपुर-बाबूपुर पुल ध्वस्त, सड़क संपर्क पूरी तरह टूटा

बिहार के भागलपुर जिले में बाखरपुर से बाबूपुर तक जाने वाले पुल के ध्वस्त होने से एक बड़ा हादसा हो गया है। इस पुल के टूटने से दियारा क्षेत्र का बाखरपुर और बाबूपुर से सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। यह सड़क पीरपैंती बाजार से होकर झारखंड को जोड़ती है, जो इस क्षेत्र के लोगों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। पुल ध्वस्त होने के कारण इस क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है।

प्रारंभिक स्थिति: जर्जर पुल बना हादसे का कारण

इस हादसे से पहले भी पुल की हालत काफी खराब हो चुकी थी। चौखंडी के समीप बने इस पुल की जर्जर स्थिति के चलते पहले से ही प्रशासन द्वारा आवागमन पर रोक लगाई गई थी, लेकिन पुल के पूरे ढहने से अब यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की हालत कई महीनों से खराब थी और प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण था यह पुल

यह सड़क मार्ग न केवल भागलपुर के दियारा क्षेत्र को जोड़ता है, बल्कि इसका उपयोग झारखंड जाने के लिए भी किया जाता है। इस सड़क का टूटना इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि उन्हें अब अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी होगी। खासकर किसानों और व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि इस मार्ग से आने-जाने में उन्हें काफी आसानी होती थी। अब वैकल्पिक मार्ग न होने के कारण उनकी परेशानी और बढ़ गई है।

स्थानीय प्रशासन पर उठ रहे सवाल

पुल ध्वस्त होने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को पुल की जर्जर स्थिति की जानकारी थी, लेकिन इसे ठीक करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इस हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, क्योंकि समय रहते पुल की मरम्मत कराई जा सकती थी, जिससे इस हादसे को टाला जा सकता था।

प्रभावित लोग और क्षेत्र की समस्या

पुल टूटने के बाद दियारा क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इस पुल के ध्वस्त होने से अब गांव वालों को अपने दैनिक कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को स्कूल जाने में, किसानों को अपनी उपज बाजार तक पहुंचाने में, और आपातकालीन सेवाओं को पहुंचने में हो रही है। इस क्षेत्र में पहले से ही यातायात सुविधाओं की कमी थी, और अब पुल के टूटने से स्थिति और गंभीर हो गई है।

आवश्यक मरम्मत कार्य और भविष्य की योजना

प्रशासन ने पुल टूटने के बाद मरम्मत कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्रक्रिया काफी धीमी है और इसे तुरंत प्रभाव से तेज करने की जरूरत है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की योजना बनाई है, लेकिन यह कब तक पूरी होगी, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। लोगों की मांग है कि पुल को जल्दी से जल्दी ठीक किया जाए ताकि उनकी परेशानी खत्म हो सके।

प्राकृतिक आपदाओं के खतरे और प्रशासन की तैयारी

इस घटना ने बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमजोरी को उजागर कर दिया है। बारिश और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते पुलों और सड़कों की स्थिति और भी खराब हो जाती है। स्थानीय प्रशासन को अब इस बात पर ध्यान देना होगा कि ऐसे हादसे दोबारा न हों। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और पुलों की नियमित मरम्मत और मजबूत आधारभूत संरचना की जरूरत है, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासन की लापरवाही और लोगों की परेशानी

बिहार के भागलपुर जिले में बाखरपुर-बाबूपुर पुल के ध्वस्त होने से स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ गई है। यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है, क्योंकि पहले से ही जर्जर हो चुके पुल की मरम्मत नहीं की गई थी। अब प्रशासन को इस घटना से सबक लेना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।


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