मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास: बागपत में आरोपी गिरफ्तार
के कुमार आहूजा 2024-09-27 07:53:53
मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रयास: बागपत में आरोपी गिरफ्तार
बागपत जनपद के अमीनगर सराय क्षेत्र के एक गांव में हाल ही में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। एक छह साल की बच्ची, जो एक निजी स्कूल में यूकेजी की छात्रा है, को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की गई। क्या इस तरह की घटनाएं सिर्फ खबरों में ही सुनाई देंगी या हमें इसका कठोर जवाब देना होगा? इस रिपोर्ट में हम इस घटना का पूरा विवरण प्रस्तुत करेंगे, जिसने न केवल पीड़िता के परिवार बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
घटना का विवरण
घटना करीब आठ दिन पहले की है, जब बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। तभी आरोपी, जो एक वर्ग विशेष का युवक है, उसे बहला-फुसलाकर गांव के मोबाइल टावर की ओर ले गया। वहां उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। लेकिन, इसी बीच बंदरों का झुंड वहां आ गया, जिनसे डरकर युवक वहां से भाग गया। इसके बाद बच्ची किसी तरह घर लौटी और अपने पिता-माता को इस घटना की जानकारी दी।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
बच्ची की शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गांव में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की। फुटेज में आरोपी बच्ची को लेकर जाते हुए दिखाई दिया। इस मामले के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ता गया, और विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पंचायत की और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम दिया।
आज पुलिस ने कार्यवाही तेज करते हुए आरोपित युवक को बसौद नहर की पटरी के पास से गिरफ्तार कर लिया। विजय चौधरी, क्षेत्राधिकारी बडौत ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपी का नाम चांद है, जो पिलखवा जनपद हापुड़ का रहने वाला है और वह टटीरी में स्थित बांके बिहारी रेस्टोरेंट पर काम करता था।
सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरी नाराजगी देखने को मिली। समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोपी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। बता दें कि बच्ची के साथ हुई घटना ने इलाके में भय का माहौल पैदा कर दिया है, जिससे स्थानीय निवासी अपने बच्चों को बाहर खेलने की अनुमति देने में हिचकिचा रहे हैं।
पीड़िता का मानसिक स्वास्थ्य
बच्ची के परिवार ने इस घटनाक्रम के बाद से उसकी मानसिक स्थिति को लेकर चिंता जताई है। स्थानीय डॉक्टरों के अनुसार, ऐसे हादसों का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए पीड़िता को मानसिक रूप से सहारा देना और उसका उपचार करना अत्यंत आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन को इस मामले में संवेदनशीलता बरतने की आवश्यकता है ताकि बच्ची को पुनर्वास में मदद मिल सके।
आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि
गिरफ्तार आरोपी चांद के बारे में बताया गया है कि उसका संबंध पास के गांव बसा टीकरी से भी है, जहां उसकी बहन की ससुराल है। ऐसा लगता है कि वह अपने काम के चलते क्षेत्र के लोगों से गहराई से नहीं जुड़ा था। लेकिन, इस तरह की घटनाओं के वक्त अक्सर यह जानकारी प्राप्त करना आवश्यक होता है कि आरोपी का क्या सामाजिक रिकार्ड है।
न्याय की अपेक्षा
बागपत में हुई इस घटना ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के सवाल को एक बार फिर से उकेर दिया है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और समाज इस मामले को सख्ती से लेकर आगे बढ़ेगा? क्या हमें एक कठोर कानून की आवश्यकता है? इस घटना ने यह भी सिद्ध किया है कि समाज में ऐसे तत्वों की पहचान करना और उनके खिलाफ ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है।
बहरहाल, इस बर्बरता के खिलाफ न केवल कार्रवाई होनी चाहिए, बल्कि हमें एकजुट होकर ऐसे मुद्दों पर आवाज उठानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों। मासूम बच्चियों के साथ ऐसी घटनाओं की बढती संख्या चिंताजनक है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या हम अपने समाज को सुरक्षित बनाने के लिए तत्पर हैं?