एन पी एस और यू पी एस के विरोध में प्रदर्शन कल, हजारों कर्मचारी होंगे लामबंद 


के कुमार आहूजा  2024-09-26 20:03:43



एन पी एस और यू पी एस के विरोध में प्रदर्शन कल, हजारों कर्मचारी होंगे लामबंद 

केंद्र सरकार ने पिछले दिनों 'पुरानी पेंशन' बहाली की बजाए एनपीएस में सुधार कर नई पेंशन योजना 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम' (यूपीएस) लागू करने की घोषणा की है। ज्यादातर कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस का विरोध किया है। कई संगठनों ने केंद्र सरकार का यूपीएस पर नोटिफिकेशन आने से पहले ही विरोध का बिगुल बजा दिया है। इस कड़ी में 26 सितंबर को एनएमओपीएस के बैनर तले देश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। एनएमओपीएस के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि इस प्रदर्शन में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के सरकारी कर्मचारी भाग लेंगे। केवल एनएमओपीएस ही नहीं, बल्कि दूसरे कर्मचारी संगठन भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि ओपीएस बहाली के लिए सभी कर्मचारियों को एक साथ आना होगा। इससे पहले एनपीएस/यूपीएस के विरोध में एनएमओपीएस के सदस्यों ने दो सितंबर से छह सितंबर तक काली पट्टी बांधकर काम किया था।

बता दें कि केंद्र सरकार में बड़े कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यूपीएस का विरोध जताया है। ये कर्मचारी संगठन, अब विपक्ष को साथ लेकर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार, बहुत जल्द दबाव में आ जाएगी। देश में पुरानी पेंशन बहाल करनी पड़ेगी। सरकार के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर कहा है कि पूरे देश के कर्मचारी व केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान, पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं।

बंधु ने कहा कि देश के एक करोड़ से ज्यादा शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी, बाजार आधारित और विसंगतिपूर्ण एनपीएस व्यवस्था के दुष्परिणाम का दंश झेल रहे हैं। वे सेवानिवृत्ति के बाद इस व्यवस्था में अपने जीवन के गुजर बसर के लिए परेशान हैं। वजह, एनपीएस में जो पेंशन दी जा रही थी, वह पर्याप्त नहीं थी। पूरे देश के कर्मचारी व केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान, पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे थे। इस बीच केंद्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल न कर नई पेंशन योजना 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम' (यूपीएस) लाने की घोषणा कर दी गई।

बंधु ने बताया कि 26 सितंबर का विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। कर्मचारी, ओपीएस बहाली की मांग रखेंगे। यूपीएस में जो प्रावधान किए गए हैं, उन्हें लेकर कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है। अभी तक यूपीएस से जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके अनुसार, एनपीएस से भी ज्यादा खराब है। इसमें शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों को मिलने वाले बेसिक पे व डीए के वेतन का 10वां भाग, सरकार कटौती के नाम पर ले रही है। विजय बंधु ने 29 अगस्त को लिखे अपने पत्र में भी इस बात का जिक्र किया था। इस कटौती के जरिए जो राशि सरकार अपने पास रखेगी, वह कर्मचारियों को नहीं मिलेगी। पुरानी पेंशन व्यवस्था में यदि कोई कर्मचारी, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेता है तो उसकी पेंशन, सेवानिवृत्ति की तिथि से शुरु कर दी जाती थी, लेकिन अब यूपीएस में उसे 60 वर्ष के बाद पेंशन देने की बात कही गई है। यूपीएस, किसी भी तरह से गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना का स्थान नहीं ले सकती। देश के सभी कर्मचारी, पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं, क्योंकि लोक कल्याणकारी राज्य में सामाजिक सुरक्षा, सरकार की जिम्मेदारी है।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने प्रधानमंत्री मोदी और जेसीएम के प्रतिनिधियों की बैठक का बहिष्कार किया था। उन्होंने बताया, एआईडीईएफ एक जनवरी 2004 से लागू हुई सबसे भयावह और अनुचित नई पेंशन योजना 'एनपीएस' के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहा है। पिछले 24 वर्षों से केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी, एनपीएस का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। हाल ही में भारत सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना के नाम से 'यूपीएस' की घोषणा की है, जो एनपीएस का संशोधित संस्करण है। इस अनुचित यूपीएस को सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश किया जा रहा है। बतौर श्रीकुमार, एक प्रतिबद्ध महासंघ के रूप में एआईडीईएफ अपनी मांग पर अडिग है। पुरानी पेंशन योजना ही एकमात्र ऐसी योजना है, जो सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सम्मान और शालीनता के साथ जीवन गुजारने की सुरक्षा दे सकती है। ऐसे में अनुचित एनपीएस/यूपीएस योजना के खिलाफ एआईडीईएफ अपना आंदोलन जारी रखेगा।

गांधी जयंती दिवस पर एआईडीईएफ का प्रत्येक सदस्य शपथ लेगा कि मैं, एक रक्षा नागरिक कर्मचारी, विनाशकारी एनपीएस और यूपीएस अंशदायी पेंशन योजना से मुक्त होने के लिए सभी संघर्षों और आंदोलनों में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत गैर अंशदायी पेंशन प्राप्त करने के लिए सभी ट्रेड यूनियन एक्शन कार्यक्रमों का भी समर्थन करता हूं और उनमें भाग लूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि जब तक मैं गैर-अंशदायी पुरानी पेंशन योजना हासिल नहीं कर लेता, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा और हम सभी सरकारी कर्मचारियों की इस असल और उचित मांग को वास्तविकता में बदलने के लिए एक हैं। इस बाबत दूसरे संगठनों से भी चर्चा जारी है।

17 नवंबर को केंद्रीय कर्मचारी संगठन 'नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' (एआईएनपीएसईएफ) नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की रैली करेगा। इसमें विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठन भी हिस्सा लेंगे। इस संगठन के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने बताया कि 30 सितंबर तक अगर यूपीएस का गजट नहीं आता है तो विरोध प्रदर्शन होगा। इसके अलावा 17 नवंबर को नई दिल्ली में ओपीएस बहाली के लिए पेंशन जयघोष महारैली आयोजित की जाएगी। रैली की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश से पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने इस बाबत हस्ताक्षर अभियान शुरु किया है। हस्ताक्षर अभियान में लखनऊ, मऊ, उन्नाव, कानपुर, शाहजहांपुर, लखीमपुर व बरेली से हजारों कर्मचारियों ने दिल्ली चलने की तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। 17 नवंबर की रैली में देशभर से लाखों कर्मचारी भाग लेंगे। इनमें दिल्ली, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात, असम, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, तमिलनाडु, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों के अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन भी शामिल हैं।


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