अल्पना शर्मा को मिली डॉक्टरेट की उपाधि, भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर किया शोध 


के कुमार आहूजा  2024-09-26 13:55:37



अल्पना शर्मा को मिली डॉक्टरेट की उपाधि, भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर किया शोध 

बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब श्रीमती अल्पना शर्मा ने भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर अपने शोध कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। यह न केवल उनके व्यक्तिगत सफर की कहानी है, बल्कि यह उस समय की परछाई भी है जब महिला शोधकर्ताओं का योगदान समाज में एक नई दिशा देने की क्षमता रखता है। इस अवसर पर, उनके परिवार और शोध निर्देशिका ने उनके इस प्रयास पर गर्व और प्रसन्नता व्यक्त की।

अल्पना शर्मा का ऐतिहासिक योगदान

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के सामाजिक विज्ञान संकाय के राजनीति विज्ञान विभाग में श्रीमती अल्पना शर्मा ने अपने शोध कार्य को पूरा कर लिया है। उनके शोध का शीर्षक है "भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन," जो समकालीन परिप्रेक्ष्य में बेहद महत्वपूर्ण है। यह विषय भारतीय राजनीति की जटिलताओं और संघ की भूमिका पर प्रकाश डालता है, जो विभिन्न राजनीतिक धाराओं के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है।

शोध की महत्ता

अल्पना शर्मा का यह शोध कार्य केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। शोध ने यह दर्शाया है कि कैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय राजनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस विषय पर शोध करने वाली अल्पना बीकानेर की पहली महिला शोधार्थी हैं, जो महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।

शिक्षा और करियर का सफर

अल्पना शर्मा वर्तमान में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के "स्कूल ऑफ लॉ" विभाग में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं। उनका करियर न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उनकी कड़ी मेहनत का परिचायक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं। उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया और इस विशेष अवसर पर उनके प्रति गर्व प्रकट किया।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस शोध ने यह स्पष्ट किया है कि भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि महिलाएं राजनीति में सक्रिय भाग लें, जिससे वे अपने विचारों और दृष्टिकोणों को साझा कर सकें। अल्पना शर्मा के शोध कार्य ने यह भी दर्शाया है कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा और ज्ञान की आवश्यकता है।

शोध निर्देशिका का योगदान

प्रो. बबीता जैन ने अल्पना के शोध कार्य का निर्देशन किया और उनके मार्गदर्शन में अल्पना ने अपने विषय को गहराई से समझा। प्रो. जैन ने इस शोध को गाइड करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे अल्पना ने शोध को सही दिशा में आगे बढ़ाया। इस प्रकार का सहयोग और मार्गदर्शन नए शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

आगे की चुनौतियाँ

हालांकि, अल्पना के लिए यह यात्रा सरल नहीं थी। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, जिसमें शोध के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी और समाज में महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह शामिल थे। लेकिन उनके दृढ़ संकल्प और समर्पण ने उन्हें इन बाधाओं को पार करने में मदद की।

समाज का समर्थन

अल्पना के परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया, जिससे उन्हें शोध कार्य में सफलता मिली। यह एक संदेश है कि जब परिवार का समर्थन होता है, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना संभव हो जाता है। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए महिलाओं के प्रति समर्थन और प्रोत्साहन जरूरी है।

बहरहाल, अल्पना शर्मा का शोध न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह समाज के लिए एक नई दिशा देने वाला कदम भी है। उन्होंने साबित किया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं। उनकी कहानी प्रेरणादायक है और यह सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि वे भी अपने सपनों को साकार कर सकती हैं।


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