फर्जी IPS अधिकारी बनकर इलाके में मचा रहा था आतंक, बुलंदशहर पुलिस ने दबोचा


के कुमार आहूजा  2024-09-26 06:51:48



फर्जी IPS अधिकारी बनकर इलाके में मचा रहा था आतंक, बुलंदशहर पुलिस ने दबोचा

बुलंदशहर के जहांगीराबाद में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां शफीक अहमद नामक युवक फर्जी IPS अधिकारी बनकर लोगों को धमकाने और ठगने का काम कर रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है, जिसके पास से फर्जी आईडी कार्ड और कई नकली दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में जहांगीराबाद पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है जो खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर लोगों को धमकाने और पुलिसकर्मियों को गुमराह करने का काम कर रहा था। शफीक अहमद नामक इस युवक ने फर्जी आईडी कार्ड और कई नकली दस्तावेज तैयार किए थे, जिनका उपयोग वह लोगों को डराने-धमकाने के लिए करता था।

घटना का खुलासा कैसे हुआ?

पुलिस के अनुसार, शफीक अहमद ने फर्जी आईडी कार्ड और पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल कर खुद को आईपीएस अधिकारी बताना शुरू कर दिया था। वह लोगों को फोन पर धमकाता था और पुलिसकर्मियों को भी गुमराह करने की कोशिश करता था। लेकिन जब एक स्थानीय निवासी ने उसकी गतिविधियों पर संदेह जताया और पुलिस को इसकी सूचना दी, तब जाकर मामला खुला।

सीओ अनुपशहर गिरीजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि शफीक के पास से यूपी पुलिस, यूपी रोडवेज और राज्य पुलिस के फर्जी आईडी कार्ड बरामद हुए हैं। इसके अलावा, उसके पास से कई नकली दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका उपयोग वह लोगों को धोखा देने के लिए करता था। उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर मामला है और पुलिस ने उसे बुद्ध नगर इलाके में गिरफ्तार किया है।"

कैसे फंसाता था शफीक लोगों को?

शफीक खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देता था। वह पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी गुमराह कर चुका था। कई बार उसने पुलिस कर्मियों को भी फोन कर अपने आदेश सुनाए, जिससे वह पुलिस विभाग में भी एक समय के लिए भ्रम पैदा करने में सफल रहा। उसके पास से बरामद दस्तावेजों में यूपी पुलिस के अलावा, अन्य कई सरकारी विभागों के नकली पहचान पत्र और सर्टिफिकेट भी मिले हैं।

पुलिस की प्रतिक्रिया और अगली कार्रवाई

सीओ गिरीजा शंकर त्रिपाठी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो इस बात की जांच करेगी कि शफीक ने अब तक कितने लोगों को ठगा है और उसके गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इसके साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि शफीक ने इन नकली दस्तावेजों को कैसे और कहां से तैयार किया।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद जहांगीराबाद और आस-पास के इलाकों में भय का माहौल बन गया है। लोग अब किसी भी नए व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले कई बार सोचने लगे हैं। स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने बताया कि शफीक लोगों से मोटी रकम वसूलने के बाद उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देता था। उन्होंने कहा, "हमें अब हर व्यक्ति पर संदेह होता है। पुलिस ने समय रहते उसे पकड़ लिया, नहीं तो वह और लोगों को अपना शिकार बना सकता था।"

फैल रहा फर्जीवाड़ा

इस घटना ने समाज में फर्जीवाड़े के बढ़ते मामलों की ओर इशारा किया है। आज के डिजिटल युग में फर्जी पहचान पत्र और नकली दस्तावेज तैयार करना बहुत आसान हो गया है। इस तरह की घटनाएं सिर्फ लोगों को आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचातीं, बल्कि समाज में विश्वास की नींव को भी कमजोर करती हैं।

पुलिस की सख्ती जरूरी

पुलिस को ऐसे फर्जीवाड़े के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। आम जनता को भी सचेत रहने की जरूरत है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को इस युवक या उसके सहयोगियों के बारे में कोई भी जानकारी हो, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें।

बहरहाल, शफीक अहमद की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि फर्जी पहचान और गलत तरीके से खुद को अधिकारी साबित करने वाले लोग कानून की नजर से बच नहीं सकते। बुलंदशहर पुलिस की तत्परता और जांच की बदौलत एक बड़ा अपराधी पकड़ में आया है, जो आने वाले समय में और बड़ी वारदातें कर सकता था।


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