पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की मुश्किलें बढ़ीं: अवैध खनन और धोखाधड़ी के मामले में फिर दर्ज हुआ केस
के कुमार आहूजा 2024-09-25 08:58:47
पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की मुश्किलें बढ़ीं: अवैध खनन और धोखाधड़ी के मामले में फिर दर्ज हुआ केस
राजनीति की गलियों में भूचाल मच गया है! पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ एक और केस दर्ज हुआ है, जिसने राजस्थान के बारां जिले की राजनीतिक हलचल को एक बार फिर से गर्मा दिया है। लगातार बढ़ते मुकदमों और गिरफ्तारी की खबरों ने प्रदेश की सियासी फिजा में उबाल ला दिया है। आखिर क्या है इस नए मामले की पूरी कहानी? जानिए विस्तार से!
मामले की पृष्ठभूमि:
प्रमोद जैन भाया, जो कि राजस्थान के पूर्व खनन मंत्री रह चुके हैं, उनके खिलाफ बारां जिले के अंता कस्बे में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुए झगड़े के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस झगड़े के मामले में कार्रवाई करते हुए चार कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किया, जो सभी प्रमोद जैन भाया के करीबी माने जाते हैं। इस घटना में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर मारपीट और अवैध गतिविधियों के आरोप लगाए थे।
घटना का विवरण:
17 अप्रैल की रात को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अंता कस्बे में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पर चुनाव के दौरान पैसे बांटने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया। इस मामले में भाजपा के कार्यकर्ता जितेंद्र मीणा की शिकायत पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट और मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई और धरना प्रदर्शन किया था।
भाया और उनके सहयोगियों पर लगे आरोप:
प्रमोद जैन भाया और उनके तीन सहयोगियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, और अवैध खनन के गंभीर आरोप हैं। भाजपा पार्षद दिलीप शाक्यवाल की शिकायत के अनुसार, प्रमोद भाया और उनके सहयोगियों ने बारां जिले के सरकारी चारागाह की जमीन पर अवैध रूप से खनन कर राज्य सरकार को लगभग 90 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में बारां शहर पुलिस स्टेशन में भाया और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
राजनीतिक विवाद और उसकी जड़ें:
इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। भाया, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं, पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। उनके खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग काफी समय से की जा रही थी। भाजपा नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है और इसे भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण बताया है
पुलिस की कार्रवाई और प्रतिक्रिया:
पुलिस उप अधीक्षक सोजीलाल मीणा ने बताया कि इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित दस्तावेज और सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। यह भी बताया गया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान स्थिति और संभावित परिणाम:
इस मामले ने राजस्थान की सियासत में हलचल पैदा कर दी है। प्रमोद जैन भाया पर लगे आरोप और उनकी गिरफ्तारी ने कांग्रेस पार्टी को भी मुश्किल में डाल दिया है। वहीं, भाजपा इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रही है। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह मामला राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो गया है और इसके परिणाम सियासी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।
बहरहाल, राजस्थान की राजनीति में चल रहे इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से सत्ता और विपक्ष के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। प्रमोद जैन भाया पर लगे आरोप और उनकी गिरफ्तारी को लेकर जनता में भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का अंत किस ओर जाता है और किसके सिर न्याय का ताज सजता है।