भूस्खलन से जोशीमठ-मलारी-निति मोटर मार्ग बाधित, ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ीं


के कुमार आहूजा  2024-09-25 06:46:58



भूस्खलन से जोशीमठ-मलारी-निति मोटर मार्ग बाधित, ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ीं

चमोली जिले के जोशीमठ-मलारी-निति मोटर मार्ग पर आज सुबह एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसके चलते यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। रैनी के पास हुए इस भूस्खलन से निति घाटी के दूरस्थ गांवों, जैसे मलारी और गमशाली का संपर्क जोशीमठ से टूट गया है। स्थानीय लोग पैदल यात्रा करने को मजबूर हैं। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) द्वारा मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद है कि एक-दो दिन में मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा​।

समस्या की गहराई और इसके प्रभाव

इस भूस्खलन से निति घाटी के कई गांवों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से कट गया है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विशेषकर ग्रामीणों के लिए यह कठिन समय है, जो इस सड़क पर निर्भर हैं। मार्ग बंद होने के कारण न सिर्फ यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि जरूरी सेवाओं जैसे चिकित्सा सहायता और खाद्य आपूर्ति में भी समस्या आ रही है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि स्थिति सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन रास्ता खुलने में अभी कुछ समय लग सकता है।

BRO की त्वरित प्रतिक्रिया

सड़क को खोलने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने मौके पर भारी मशीनरी भेजी है। मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है, ताकि यातायात जल्द से जल्द बहाल हो सके। यह मार्ग न केवल स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत-चीन सीमा से भी जुड़ा हुआ है, जिस कारण से सुरक्षा दृष्टिकोण से भी इस मार्ग का महत्व बढ़ जाता है।

भविष्य की चुनौतियां और समाधान

यह क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील है। ऐसे में भविष्य में भी इस तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति के कारण यहां सड़क निर्माण और रखरखाव में विशेष सावधानियां बरतनी होंगी। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सावधानीपूर्वक यात्रा करें और प्रशासन द्वारा दी गई सलाह का पालन करें।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से बढ़ी चिंता

जोशीमठ-मलारी-निति मार्ग का बंद होना एक सुरक्षा मुद्दा भी बन सकता है, क्योंकि यह क्षेत्र भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित है। स्थानीय और केंद्रीय प्रशासन इस मार्ग की जल्द से जल्द बहाली को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि सुरक्षा बलों और नागरिकों की आवाजाही में कोई बाधा न आए।


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