डोडा चूरा की खेप के साथ दो गिरफ्तार, 1 करोड़ की नशे की सामग्री जब्त
के कुमार आहूजा 2024-09-25 06:07:42
डोडा चूरा की खेप के साथ दो गिरफ्तार, 1 करोड़ की नशे की सामग्री जब्त
♦ प्रतापगढ़ जिले में नारकोटिक्स ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई
♦ जिप्सम की आड़ में हो रही थी डोडा चूरा की तस्करी
♦ 5,563 किलोग्राम नशे की सामग्री बरामद
प्रतापगढ़ जिले में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए डोडा चूरा से भरे 200 से ज्यादा कट्टे बरामद किए हैं। इस कार्रवाई में एक ट्रक को जब्त कर उसके चालक और एक अन्य साथी को गिरफ्तार किया गया है। नशे की यह खेप जिप्सम के कट्टों के पीछे छिपाई गई थी, जिसकी कुल कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 1 करोड़ रुपए आंकी गई है।
घटना का विस्तृत विवरण:
सूत्रों के अनुसार, नारकोटिक्स ब्यूरो को सूचना मिली थी कि मारवाड़ से एक ट्रक प्रतापगढ़ पहुंचा है, जिसमें डोडा चूरा लादकर मारवाड़ ले जाया जा रहा है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने प्रतापगढ़ के सुहागपुरा तहसील में पाडलिया गांव के पास बांसवाड़ा रोड पर एक ट्रक को रोका। ट्रक की तलाशी के दौरान, उसमें जिप्सम के कट्टे पाए गए, जिन्हें हटाने पर पीछे डोडा चूरा से भरे 200 से ज्यादा कट्टे मिले।
नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान कुल 5,563 किलोग्राम डोडा चूरा बरामद किया गया है, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूल्य करीब 1 करोड़ रुपए है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान फलौदी निवासी अशोक बिश्नोई और रामकृष्ण बिश्नोई के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया है कि ये लोग डोडा चूरा की इस बड़ी खेप को मारवाड़ की ओर ले जा रहे थे।
तस्करी का तरीका और पिछले रिकॉर्ड:
डोडा चूरा को छिपाने के लिए ट्रक में जिप्सम के कट्टों का इस्तेमाल किया गया था, ताकि जांच में आसानी से पकड़ा न जा सके। ऐसा माना जा रहा है कि यह गिरोह पहले भी इसी प्रकार की तस्करी में लिप्त रहा है। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी तस्करी के लिए ट्रक और ट्रॉला का उपयोग करते थे और नशे की खेप को विभिन्न राज्यों में वितरित करने की योजना बना रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डोडा चूरा की कीमत और प्रभाव:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डोडा चूरा की मांग काफी अधिक है, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है। एक अनुमान के अनुसार, जब्त किए गए 5,563 किलोग्राम डोडा चूरा की कीमत करीब 1 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस तस्करी से जुड़े आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस खेप की आपूर्ति कहां की जानी थी।
अधिकारियों का बयान:
नारकोटिक्स ब्यूरो के अधीक्षक डीके सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई मुख्य रूप से मुखबिर की सूचना पर आधारित थी, जिसने टीम को सटीक जानकारी दी थी। इसी कारण टीम ने ट्रक को रोकने में सफलता हासिल की। अधिकारियों का कहना है कि इस तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
पिछले मामलों की जानकारी:
यह पहली बार नहीं है जब नारकोटिक्स ब्यूरो ने राजस्थान में इस प्रकार की कार्रवाई की है। इससे पहले भी, बूंदी और चित्तौड़गढ़ जिलों में ऐसी ही तस्करी की कोशिशों को विफल किया गया है। रविवार को भी नारकोटिक्स ब्यूरो ने तीन अलग-अलग मामलों में लगभग 3 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थों को जब्त किया था। इनमें 231 किलोग्राम अफीम और 5,800 क्विंटल डोडा चूरा शामिल था।
बहरहाल, प्रतापगढ़ जिले में की गई यह कार्रवाई नशे के खिलाफ चल रही अभियानों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा की गई इस कार्यवाही से तस्करों को एक बड़ा झटका लगा है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की भी तारीफ होनी चाहिए जिन्होंने इस अभियान में पूर्ण सहयोग दिया।