मैं जिंदा हूँ...! मृत व्यक्ति ने पोस्टमार्टम से पहले जिंदा होकर अस्पताल में मचाया हड़कंप!
के कुमार आहूजा 2024-09-24 15:03:08
मैं जिंदा हूँ...! मृत व्यक्ति ने पोस्टमार्टम से पहले जिंदा होकर अस्पताल में मचाया हड़कंप!
नालंदा में एक अजीब घटना ने सबको हैरान कर दिया, जब एक मृत व्यक्ति पोस्टमार्टम से पहले स्ट्रेचर पर अचानक जीवित हो उठा।
घटना का विवरण
सोमवार को बिहार के नालंदा जिले के सदर अस्पताल में एक बेहद चौंकाने वाली घटना हुई। अस्पताल के शौचालय में बेहोश पड़ा एक व्यक्ति, जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, अचानक पोस्टमार्टम से पहले होश में आ गया। इस घटना के बाद अस्पताल में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मच गई। घटना बिहारशरीफ के सदर अस्पताल की है, जहां मिथलेश कुमार नामक व्यक्ति बेहोशी की हालत में शौचालय में गिरा हुआ पाया गया था। मिथलेश अस्थवां थाना इलाके के जिरनाईपर गांव से दवा लेने आया था और नशे की स्थिति में शौचालय में गिर गया था।
कैसे हुई घटना?
अस्पताल के कर्मचारियों ने शौचालय में एक व्यक्ति के गिरने की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने बिना डॉक्टरों की आधिकारिक पुष्टि के व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा था, लेकिन इसी दौरान वह व्यक्ति अचानक होश में आकर स्ट्रेचर पर उठ बैठा। यह देख अस्पताल और पुलिस दोनों के होश उड़ गए। मिथलेश ने होश में आने पर खुद को जिंदा पाकर हैरानी जताई और कहा, "मैं जिंदा हूँ, मरा नहीं हूँ।"
पुलिस और अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारी ब्यास प्रसाद ने बताया कि अस्पताल से सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी और शौचालय का दरवाजा तोड़कर मिथलेश को बाहर निकाला गया था। वहीं, अस्पताल के प्रबंधक कुणाल कुमार ने कहा कि सफाईकर्मी द्वारा शौचालय में व्यक्ति के गिरने की सूचना दी गई थी। जब उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाने लगा, तभी वह होश में आ गया और इस घटना के बाद उसकी स्वास्थ्य जांच करवाई गई।
स्थिति के कारण उठे सवाल
इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना मेडिकल जांच के मृत्यु की पुष्टि कैसे कर दी गई? क्या अस्पताल की यह लापरवाही है या पुलिस की जल्दीबाजी? इन सवालों के जवाब प्रशासन की आगामी जांच से मिलेंगे। फिलहाल इस घटना से अस्पताल और पुलिस दोनों की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गए हैं।
समाज में प्रतिक्रिया और चर्चा
यह घटना न केवल नालंदा में बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है। अस्पताल में सैकड़ों लोग मिथलेश को देखने के लिए जुटे और सोशल मीडिया पर भी इस घटना की चर्चा जोरों पर है। लोगों ने सवाल उठाए हैं कि इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है और इस पर प्रशासन की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
आगे की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने मिथलेश को अस्पताल में जांच कराने के बाद वापस थाने ले गई। वहीं, प्रशासन ने कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। अस्पताल प्रबंधन ने भी सफाई दी कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और आगे ऐसी किसी भी गलती को दोहराया नहीं जाएगा।
बहरहाल, इस घटना ने चिकित्सा व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अगर समय रहते व्यक्ति की स्थिति को सही तरीके से जांचा जाता, तो इस तरह की असमंजस की स्थिति नहीं बनती। इस घटना से लोगों में चिकित्सा सेवाओं पर भरोसा टूटने की आशंका है, और इसे लेकर प्रशासनिक सुधार की मांग की जा रही है।