इजरायली हमले से लेबनान में तबाही: 274 से अधिक लोगों की मौत, सैकड़ों घायल


के कुमार आहूजा  2024-09-24 10:04:39



इजरायली हमले से लेबनान में तबाही: 274 से अधिक लोगों की मौत, सैकड़ों घायल

इजरायल और लेबनान के बीच चल रहे संघर्ष में हालात दिनोंदिन गंभीर होते जा रहे हैं। 23 सितंबर को इजरायली सेना के ताबड़तोड़ हमलों में लेबनान को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर किए गए इन हमलों में सैकड़ों निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच यह तनातनी अब एक बड़े विनाशकारी युद्ध में बदलती दिख रही है। आखिर क्यों इजरायल ने इतने बड़े पैमाने पर हमला किया, और इसका लेबनान पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? आइए जानते हैं।

सोमवार, 23 सितंबर 2024 को, इजरायल ने लेबनान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें 274 से अधिक लोगों की मौत हो गई, और 800 से अधिक घायल हुए। इजरायली डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने दावा किया कि उन्होंने हिज़बुल्लाह के 300 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया। यह हमले सिडोन के बाहरी इलाकों में भी किए गए, जहां हिज़बुल्लाह के हथियारों के गोदाम और रॉकेट लॉन्च करने की जगहों को बर्बाद किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने हमले से पहले स्थानीय नागरिकों को चेतावनी दी थी कि वे अपने घर खाली कर दें, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हो गए, जिससे यह हमला अत्यधिक विवादास्पद हो गया है।

इजरायली डिफेंस फोर्सेज़ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बयान दिया कि इन हमलों का उद्देश्य हिज़बुल्लाह के बढ़ते खतरों का नाश करना था। हिज़बुल्लाह, इजरायल पर लगातार हमले कर रहा था, और 9,000 से अधिक रॉकेट दागे गए थे। इजरायल सरकार के प्रवक्ता डेविड मेनसर ने कहा, "इजरायल अब और अधिक धैर्य नहीं दिखा सकता। हमने अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए ये कड़ी कार्रवाई की।"

हमलों का व्यापक प्रभाव:

इजरायल के इन हमलों के बाद लेबनान में स्थिति और भी भयावह हो गई है। प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इन हमलों को "नरसंहार" करार दिया है। उन्होंने इजरायल पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसका असली मकसद लेबनानी गांवों और कस्बों को नष्ट करना है। मिकाती ने कहा, "इजरायल हिज़बुल्लाह के हथियारों को निशाना बनाने के बहाने लेबनान के निर्दोष नागरिकों को मार रहा है, जो कि एक मानवता विरोधी अपराध है।"

यही नहीं, प्रधानमंत्री मिकाती ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह इजरायल की इस आक्रामकता को रोकने के लिए आगे आए। उनका कहना है कि अगर इजरायल को रोका नहीं गया, तो यह पूरा क्षेत्र युद्ध की आग में जल सकता है।

पिछला संघर्ष और इजरायल का प्रतिशोध:

पिछले कुछ समय से इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच चल रही झड़पों ने एक गंभीर मोड़ ले लिया है। हिज़बुल्लाह द्वारा इजरायल पर रॉकेट हमलों के बाद, इजरायल ने अपनी वायुसेना के जरिए बड़े पैमाने पर प्रतिशोधी हमले शुरू किए हैं। पांच दिनों के भीतर ही, इजरायल ने कई हिज़बुल्लाह ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया है।

हिज़बुल्लाह, जो लेबनान में एक प्रभावशाली शक्ति मानी जाती है, ने भी चेतावनी दी है कि वह इजरायल के हमलों का कड़ा जवाब देगा। हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह ने कहा, "इजरायल ने हमारे खिलाफ युद्ध की शुरुआत की है, और हम इसका अंत करेंगे।"

वैश्विक प्रतिक्रिया और सुरक्षा चिंताएं:

इस संघर्ष पर वैश्विक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि "लेबनान, गाजा जैसी स्थिति में बदल सकता है, जो कि अत्यंत भयावह होगा।" वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उनकी सरकार क्षेत्र में युद्ध को और अधिक व्यापक होने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

इस बीच, ब्रिटेन में भी इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। हाल ही में ब्रिटिश चांसलर रेचल रीव्स के भाषण के दौरान एक शख्स ने नारेबाजी करते हुए कहा, "इजरायल को हथियार बेचना बंद करो।" यह व्यक्ति 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगाते हुए कार्यक्रम में घुस गया था, जिसे बाद में सुरक्षा बलों ने हिरासत में ले लिया।

लेबनान की स्थिति और हिज़बुल्लाह की भूमिका:

लेबनान, पिछले कई दशकों से हिज़बुल्लाह के प्रभाव में रहा है, और यही संगठन इजरायल के खिलाफ कई हमलों के लिए जिम्मेदार है। हिज़बुल्लाह को ईरान से समर्थन मिलता है, जो इजरायल के साथ तनावपूर्ण संबंधों का एक प्रमुख कारण है। इजरायल का यह मानना है कि हिज़बुल्लाह के पास भारी मात्रा में रॉकेट और हथियार हैं, जिन्हें ईरान से प्राप्त किया गया है। यही वजह है कि इजरायल ने इन हथियारों के गोदामों को निशाना बनाकर हमला किया।

लेबनान में मानवीय संकट:

इजरायली हमलों के बाद लेबनान में एक मानवीय संकट पैदा हो गया है। सैकड़ों घर तबाह हो चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। रेड क्रॉस जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इन हमलों के बाद राहत कार्यों में तेजी लाने की कोशिश की है। लेकिन क्षेत्र में लगातार हो रही झड़पों के कारण इन प्रयासों को भी झटका लग रहा है।

बहरहाल, लेबनान और इजरायल के बीच का यह संघर्ष अब एक नए स्तर पर पहुंच चुका है, जिसमें नागरिकों की जान जोखिम में है। इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ता तनाव पूरे क्षेत्र को संकट में धकेल सकता है। अब दुनिया की नजरें संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों पर टिकी हैं कि वे इस संघर्ष को किस तरह से नियंत्रित करते हैं।


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