मुखर्जी नगर में UPSC छात्र की रहस्यमयी मौत: 10 दिन से लापता युवक की लाश झाड़ियों में मिली
के कुमार आहूजा 2024-09-24 09:54:36
मुखर्जी नगर में UPSC छात्र की रहस्यमयी मौत: 10 दिन से लापता युवक की लाश झाड़ियों में मिली
देरी से प्राप्त सूचना के अनुसार दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जब 10 दिन से लापता एक UPSC छात्र की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में झाड़ियों में पाई गई। राजस्थान के दौसा जिले का यह होनहार युवक IAS की मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहा था, लेकिन अचानक गायब होने के बाद उसकी रहस्यमयी मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। मामला शुक्रवार का बताया जा रहा है। क्या यह आत्महत्या का मामला है, या इसके पीछे कोई और साजिश है, पुलिस हर पहलू से जांच में जुटी है।
दिल्ली का मुखर्जी नगर, जो UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों का मुख्य केंद्र है, 20 सितंबर को एक दर्दनाक घटना का गवाह बना। दौसा, राजस्थान के रहने वाले दीपक कुमार मीणा (21) नामक UPSC के उम्मीदवार की लाश मुखर्जी नगर स्थित दशहरा ग्राउंड के नजदीक झाड़ियों में पेड़ से लटकी पाई गई। यह वही जगह थी जहां वह पिछले दो महीने से IAS की मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहा था। दीपक का शव मिलने से पहले वह 10 दिनों से रहस्यमयी तरीके से लापता था।
11 सितम्बर से लापता
दीपक, जो UPSC प्रीलिम्स परीक्षा पास कर चुका था, जुलाई में अपनी मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आया था। उसके पिता चंदूलाल मीणा ने बताया कि दीपक रोज रात को 8 बजे उनसे फोन पर बात किया करता था, लेकिन 11 सितंबर की रात से उसका कोई फोन नहीं आया। अगले दिन से उसका फोन बंद आने लगा, जिससे परिवार चिंतित हो गया। 13 सितंबर को दीपक के पिता कुछ ग्रामीणों के साथ दिल्ली पहुंचे और मुखर्जी नगर स्थित उसके पीजी में गए। वहां पता चला कि दीपक 11 सितंबर के बाद से अपने कमरे में नहीं लौटा था।
पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट:
जब कोई सुराग नहीं मिला, तो चंदूलाल ने 14 सितंबर को मुखर्जी नगर थाने में अपने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन दीपक का कोई पता नहीं चला। इस बीच, उसके कोचिंग सेंटर ने भी उसकी अनुपस्थिति पर कोई जानकारी नहीं दी, जिससे परिवार नाराज था। उनका कहना था कि अगर कोई छात्र कक्षा में नहीं आ रहा है, तो संस्थान को परिवार को इसकी सूचना देनी चाहिए थी।
लाश का मिलना और संदेह:
20 सितंबर को मुखर्जी नगर इलाके के एक ग्राउंड में दीपक की लाश झाड़ियों में पाई गई। लाश पेड़ से लटकी हुई थी, लेकिन मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। पुलिस ने घटना को आत्महत्या मानते हुए जांच शुरू की है, लेकिन बिना सुसाइड नोट के परिवार और अन्य लोगों को संदेह है कि यह मामला आत्महत्या से कहीं अधिक हो सकता है।
कोचिंग सेंटर पर सवाल:
दीपक के पिता ने कोचिंग सेंटर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि संस्थान ने उनकी अनुपस्थिति की कोई जानकारी नहीं दी और छात्रों की उपस्थिति पर सही से नज़र नहीं रखी। उनके मुताबिक, दीपक के संस्थान में आने और जाने का रिकॉर्ड भी नहीं रखा गया। इससे दीपक के परिवार को यह सवाल उठता है कि क्या उसकी मौत महज एक आत्महत्या थी, या फिर इसमें कुछ और छिपा हुआ है?
पुलिस की जांच:
मुखर्जी नगर पुलिस ने फिलहाल आत्महत्या के साथ-साथ अन्य पहलुओं की भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि दीपक की आखिरी गतिविधियां CCTV फुटेज में रिकॉर्ड हुई हैं, जिसमें उसे अकेले ग्राउंड में जाते हुए देखा गया। डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह का पता चलेगा।
सार्वजनिक चिंता:
इस घटना ने न केवल दिल्ली, बल्कि देशभर में UPSC की तैयारी करने वाले छात्रों और उनके परिवारों में चिंता पैदा कर दी है। मुखर्जी नगर में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे इस इलाके की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। छात्रों पर पढ़ाई का दबाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए अब कोचिंग सेंटरों और प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।
दीपक कुमार मीणा की मौत कई सवाल छोड़ गई है। क्या वह पढ़ाई के दबाव में था, या फिर किसी और साजिश का शिकार हुआ? पुलिस और परिवार इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं। इस घटना ने फिर एक बार UPSC की तैयारी में जुटे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पर गंभीर चर्चा छेड़ दी है।