तबास क्षेत्र में स्थित कोयला खदान में शनिवार की रात लगभग 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) धमाका
के कुमार आहूजा 2024-09-24 07:24:02
विस्फोट से दहला ईरान: कोयला खदान विस्फोट में 51 की मौत, राहत कार्य जारी
पूर्वी ईरान में स्थित एक कोयला खदान में भीषण विस्फोट से देश एक बार फिर दर्दनाक हादसे से गुज़र रहा है। मीथेन गैस के रिसाव से हुए इस धमाके में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं। इस खदान में काम करने वाले सैकड़ों मजदूरों की ज़िंदगी अचानक ही तबाह हो गई, और अब तक राहत एवं बचाव कार्यों में बाधाएं आ रही हैं। इस हादसे ने देशभर में शोक की लहर फैला दी है, और ईरानी सरकार ने तीन दिनों के शोक की घोषणा की है।
घटना का विवरण
ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 540 किलोमीटर दूर तबास क्षेत्र में स्थित कोयला खदान में शनिवार की रात लगभग 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) धमाका हुआ। उस समय खदान के अंदर लगभग 70 मजदूर काम कर रहे थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, मीथेन गैस के रिसाव के कारण यह धमाका हुआ, जिसने खदान के अंदर दो हिस्सों—ब्लॉक बी और ब्लॉक सी—को पूरी तरह से प्रभावित किया। इस घटना के बाद इमरजेंसी टीमों को तुरंत भेजा गया, लेकिन राहत कार्य में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, खासकर ब्लॉक बी में मीथेन गैस के अत्यधिक जमा होने के कारण बचाव कार्य काफी जटिल हो गया। इस खदान में काम करने वाले कई मजदूर अब भी अंदर फंसे हुए हैं, और उनकी स्थिति का कुछ पता नहीं चल पाया है।
सरकारी प्रतिक्रिया और राहत कार्य
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और राहत कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने का आदेश दिया है। उन्होंने खदान में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। राहत कार्य में लगभग 100 से अधिक विशेषज्ञ और बचावकर्मी शामिल हैं, जो लगातार काम कर रहे हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए हेलीकॉप्टरों और एंबुलेंसों की सहायता से घायलों को निकटवर्ती अस्पतालों में पहुंचाया गया है। खदान के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए समय के साथ लड़ाई चल रही है, लेकिन गैस का उच्च स्तर राहत कार्यों में बड़ी बाधा बना हुआ है।
भविष्य के लिए सवाल
यह हादसा सिर्फ एक दर्दनाक घटना ही नहीं है, बल्कि ईरान की खदानों में मौजूद सुरक्षा मानकों की ओर भी एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। ईरान के कोयला खदानों में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। साल 2017 में उत्तरी ईरान के एक कोयला खदान में विस्फोट हुआ था, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई थी। इन दुर्घटनाओं के बाद सरकार ने सुरक्षा नियमों को सख्त बनाने का वादा किया था, लेकिन इस हालिया घटना ने फिर से सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार को नए कदम उठाने की ज़रूरत है।
प्रभाव और आगे की कार्रवाई
इस घटना के बाद पूरे ईरान में शोक की लहर है। राष्ट्रपति पेज़ेशकियान ने इस हादसे के बाद तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच, प्रांत के गवर्नर जावेद ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसमें लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ईरान की खनन उद्योग में सुधार और सुरक्षा मानकों को सुधारने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है। खदान के अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए राहत कार्य अभी भी जारी है, लेकिन गैस की अधिकता और धमाके के बाद मलबे की स्थिति बचाव कार्यों को मुश्किल बना रही है।
बहरहाल, इस त्रासदी ने न केवल ईरान को, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह हादसा इस बात की याद दिलाता है कि खनन उद्योग में सुरक्षा मानकों की कमी अब भी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। ईरानी सरकार अब इस घटना से सीख लेते हुए खदानों में सुरक्षा नियमों को सख्त करने और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की ओर बढ़ रही है।