पाकिस्तान में विदेशी राजनयिकों के काफिले पर बम धमाका, पुलिसकर्मी की मौत, राजनयिक सुरक्षित
के कुमार आहूजा 2024-09-24 06:07:09
पाकिस्तान में विदेशी राजनयिकों के काफिले पर बम धमाका, पुलिसकर्मी की मौत, राजनयिक सुरक्षित
पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बड़ा धमाका हुआ है, जिसमें विदेशी राजनयिकों का काफिला निशाने पर था। इस घटना में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि, सभी विदेशी राजनयिक सुरक्षित हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तान के सुरक्षा प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। देश में बढ़ते आतंकवादी हमले फिर से शांति के प्रयासों को चुनौती दे रहे हैं।
घटना की पृष्ठभूमि:
यह घटना 22 सितंबर 2024 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले के मालम जब्बा इलाके में हुई। विदेशी राजनयिकों का काफिला इस्लामाबाद से स्वात के पहाड़ी इलाके की ओर जा रहा था। इस यात्रा का उद्देश्य स्वात की स्थानीय हस्तकला और रत्न उद्योग को बढ़ावा देना था। इस यात्रा को सुरक्षा की दृष्टि से खासा महत्त्वपूर्ण माना जा रहा था, क्योंकि राजनयिकों के साथ भारी पुलिस बल और सेना तैनात थी। लेकिन इस दौरान एक रिमोट नियंत्रित बम से काफिले को निशाना बनाया गया, जिसमें काफिले की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी मारे गए।
घटनास्थल पर स्थिति:
विस्फोट के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को घेर लिया। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि काफिले के आगे चल रहे पुलिस वाहन पर यह हमला किया गया था। हमले में पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई। तीन अन्य घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
कौन-कौन थे काफिले में:
काफिले में रूस, कजाकिस्तान, वियतनाम, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ईरान, बोस्निया और हर्जेगोविना, पुर्तगाल, रवांडा और जिम्बाब्वे के राजनयिक शामिल थे। इस हमले के बावजूद सभी राजनयिक सुरक्षित बच गए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और कहा कि राजनयिकों को सुरक्षित इस्लामाबाद वापस लाया गया है।
आतंकी संगठनों का प्रभाव:
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) और अन्य आतंकी समूहों की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले कुछ महीनों से लगातार सुरक्षा बलों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है। हाल के दिनों में, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमाओं के पास आतंकी गतिविधियों में भारी वृद्धि देखी गई है। पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि ये हमले अफगानिस्तान से संचालित हो रहे हैं, हालांकि अफगान तालिबान इसे नकारते हैं।
पाकिस्तानी नेतृत्व की प्रतिक्रिया:
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति ने कहा, "आतंकवादी न केवल देश के, बल्कि मानवता के भी दुश्मन हैं।" पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऐसे हमले उनके संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे।
राजनयिक सुरक्षा पर सवाल:
इस हमले ने पाकिस्तान में राजनयिक सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। एक ऐसा देश जो पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों से जूझ रहा है, वहां विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इस घटना से काफी झटका लगा है, और इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जाए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
इस हमले के बाद रूस सहित कई देशों ने पाकिस्तान को सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी है। रूस के राजदूत ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रभावित हो सकता है, लेकिन वे पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं, अन्य देशों ने भी इस घटना की निंदा की और पाकिस्तान से सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करने की अपील की है।
बहरहाल, पाकिस्तान में विदेशी राजनयिकों के काफिले पर यह हमला एक बार फिर से साबित करता है कि देश में आतंकी संगठनों की पहुंच कितनी गहरी है। हालांकि, इस घटना में कोई राजनयिक हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने पाकिस्तान के सुरक्षा प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर किया है। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच जारी रहेगी, और पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी।