असम में IED षड्यंत्र का पर्दाफाश, 15 लोग गिरफ्तार—एनआईए और पुलिस की बड़ी सफलता


के कुमार आहूजा  2024-09-23 21:20:44



असम में IED षड्यंत्र का पर्दाफाश, 15 लोग गिरफ्तार—एनआईए और पुलिस की बड़ी सफलता

असम पुलिस की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में बड़ी कामयाबी! स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्यभर में आईईडी जैसी विस्फोटक सामग्रियों की प्लांटिंग की साजिश रचने वाले 15 संदिग्धों को पुलिस ने पकड़ लिया है। इस कार्रवाई में 3 महिलाएं भी शामिल हैं। लेकिन क्या यह केवल शुरुआत है या एक बड़े षड्यंत्र की परतें अब खुलेंगी?

असम पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यभर में कई स्थानों पर विस्फोटक उपकरणों की प्लांटिंग की साजिश में शामिल 15 संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। यह गिरफ्तारी एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के तकनीकी सहयोग से राज्य के विभिन्न जिलों में की गई समन्वित छापेमारी के बाद हुई। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं और पुलिस को उम्मीद है कि गहन पूछताछ से और भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेंगी।

गिरफ्तारी की यह कार्रवाई कई हफ्तों की गुप्तचर जानकारी और राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा जुटाई गई विशेष सूचनाओं के आधार पर की गई। पुलिस का दावा है कि यह एक बड़ी सफलता है क्योंकि स्वतंत्रता दिवस के दिन असम में हुए आईईडी जैसी सामग्रियों की प्लांटिंग की जांच में यह महत्वपूर्ण मोड़ है।

गिरफ्तार किए गए लोगों में से प्रत्येक को असम के विभिन्न जिलों से पकड़ा गया है। इनमें तिनसुकिया, सदिया, नगांव, नलबाड़ी, और तमुलपुर से एक-एक, जबकि जोरहाट और गुवाहाटी से दो-दो संदिग्ध पकड़े गए हैं। वहीं, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर से तीन-तीन लोग गिरफ्तार हुए। इससे पहले भी इस मामले में चार और संदिग्धों को सिवसागर जिले से पकड़ा गया था।

इस मामले में असम पुलिस ने ₹5 लाख के इनाम की भी घोषणा की थी, जो उन लोगों को दी जाएगी जिनकी दी गई जानकारी के आधार पर विस्फोटक उपकरणों के निर्माताओं, परिवहनकर्ताओं और प्लांट करने वालों की पहचान हो सकेगी।

स्वतंत्रता दिवस के दिन असम में 20 से अधिक स्थानों पर आईईडी जैसी विस्फोटक सामग्रियों की प्लांटिंग की गई थी, जिसमें 8 जगहें गुवाहाटी शहर में भी शामिल थीं। गुवाहाटी के गांधी बस्ती, पानबाजार, नरेंगी और लास्टगेट जैसे प्रमुख स्थानों से विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए। इसके अलावा, शिवसागर, लखीमपुर, नलबाड़ी और नगांव जिलों से भी इसी तरह के उपकरण बरामद हुए थे।

ULFA(I) नामक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ने इन धमाकों की जिम्मेदारी ली थी और बताया था कि तकनीकी खामी के चलते ये विस्फोटक फट नहीं सके।

विशेष जांच टीम का गठन:

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए असम के पुलिस महानिदेशक ने एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था। साथ ही, असम पुलिस ने 10 जिलों में खोजी टीमें भेजीं थीं, जिन्होंने उन स्थानों पर जाकर तलाशी ली, जहां से बम-जैसी सामग्री बरामद की गई थी। यह पूरी कार्रवाई तब और महत्वपूर्ण हो गई जब ULFA(I) ने मीडिया के माध्यम से इन धमाकों की जानकारी दी, जो पुलिस को पहले से ज्ञात नहीं थी।

असम में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हुए बम प्लांटिंग की इस साजिश ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। हालांकि इस बड़े षड्यंत्र की प्रारंभिक परतें खुल चुकी हैं, लेकिन पुलिस और एनआईए को अब भी और जानकारी जुटाने की उम्मीद है। इस प्रकार की घटनाओं ने राज्य की खुफिया और सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं, और शायद कोई बड़ा खुलासा भी हो।


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