रेल अंडरब्रिज में डूबी कार, ग्रामीणों की बहादुरी ने बचाई चार लोगों की जान
के कुमार आहूजा 2024-09-23 21:17:06
रेल अंडरब्रिज में डूबी कार, ग्रामीणों की बहादुरी ने बचाई चार लोगों की जान
राजस्थान के भीलवाड़ा में एक दर्दनाक घटना तब घटी जब भारी बारिश के कारण सुखाडिया सर्कल के पास एक रेल अंडरब्रिज में पानी भर गया। इस जलभराव के कारण एक कार पानी में डूब गई जिसमें चार लोग फंस गए। स्थानीय ग्रामीणों ने समय पर प्रतिक्रिया देते हुए साहसिक बचाव अभियान चलाया और सभी लोगों की जान बचा ली। इस घटना ने प्रशासन और जल निकासी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेज़ बारिश ने बढ़ाई आफत
भीलवाड़ा में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने शहर के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया है। सुखाडिया सर्कल के पास स्थित रेल अंडरब्रिज में जलभराव के कारण हालात और बिगड़ गए। पानी का स्तर चार फीट तक पहुंच गया, जिससे यहां से गुजरने वाली एक कार डूब गई।
कार में फंसे चार लोग
कार में चार लोग सवार थे, जिनमें दो महिलाएं और एक बच्चा भी शामिल था। तेज़ बारिश के कारण पानी बढ़ने से उनकी कार फंस गई और अंदर बैठे लोगों की जान पर बन आई। अंडरब्रिज में भारी जलभराव के कारण कार का बाहर निकलना मुश्किल हो गया और यातायात ठप हो गया।
स्थानीय ग्रामीणों का साहसिक प्रयास
स्थानीय लोग बिना देरी किए मदद के लिए आगे आए और अपनी सूझबूझ से कार में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस घटना में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई, जो ग्रामीणों की बहादुरी और तत्परता का परिणाम था।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। नगर निगम के अधिकारियों ने बारिश के कारण जलभराव को नियंत्रित करने और सड़क यातायात बहाल करने के लिए प्रयास शुरू किए। इस घटना ने भीलवाड़ा की जल निकासी व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द स्थायी समाधान की मांग की है।
अंडरब्रिज जलभराव की समस्या
भीलवाड़ा में बारिश के दौरान अंडरब्रिज में जलभराव की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल मानसून के दौरान इस तरह की घटनाएं होती हैं, जिससे न सिर्फ यातायात में बाधा आती है, बल्कि लोगों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। स्थानीय प्रशासन को इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों और आपदा प्रबंधन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों की तत्परता से भले ही चार लोगों की जान बच गई हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि समय पर मदद नहीं पहुंची होती तो क्या हालात होते? सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की ज़रूरत है।
संपूर्ण घटना का निष्कर्ष
इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि भीलवाड़ा जैसे शहरों में भारी बारिश के दौरान आपदा प्रबंधन और जल निकासी व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। ग्रामीणों ने अपनी बहादुरी से यह साबित कर दिया कि संकट के समय इंसानियत सबसे पहले काम आती है, लेकिन प्रशासन को भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।