छात्रों को मिली बड़ी राहत: 1 करोड़ रुपये की फीस वापस, कोचिंग संस्थानों पर सख्त कार्रवाई!
के कुमार आहूजा 2024-09-23 04:49:06
छात्रों को मिली बड़ी राहत: 1 करोड़ रुपये की फीस वापस, कोचिंग संस्थानों पर सख्त कार्रवाई!
भारत सरकार ने छात्रों को एक बड़ी राहत प्रदान की है, जो विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी में जुटे थे। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की मदद से छात्रों को 1 करोड़ रुपये की कोचिंग फीस वापस मिल गई है। इस प्रक्रिया में छात्रों को कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़े, और उन्हें न्याय प्राप्त हुआ। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से।
छात्रों की परेशानियों का हल
मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण यूपीएससी सिविल सर्विसेज, आईआईटी, मेडिकल, सीए और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग ले रहे छात्रों को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के राहत दी गई।
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर छात्रों की शिकायतें लगातार आ रही थीं, और सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की। अब तक, 656 छात्रों को 1 करोड़ रुपये का रिफंड दिलवाया गया है।
गंभीरता से ली गई शिकायतें
कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट ने बताया कि छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन के माध्यम से कार्रवाई की गई। कोचिंग संस्थान फीस वापस करने के मामले में छात्रों को परेशान कर रहे थे, जिसके चलते विभाग ने मिशन मोड में काम करते हुए ऐसी अनफेयर प्रैक्टिस पर लगाम लगाई।
बिहार, उत्तर प्रदेश, और अन्य राज्यों के छात्रों ने पिछले 12 महीनों में 16,276 शिकायतें की थीं, जिसमें गलत वादे करना, शिक्षकों का स्तर ठीक न होना और कोर्स कैंसिल करने जैसी समस्याएं शामिल थीं।
त्वरित कार्रवाई का नतीजा
कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट की सचिव निधि खरे ने कहा, "हम उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करेंगे। हमारे लक्ष्य में कोचिंग संस्थानों को सही जानकारी प्रदान करना शामिल है, ताकि छात्रों को धोखे का सामना न करना पड़े।"
उनके अनुसार, विभाग ने ऐसे सैकड़ों मामलों को कोर्ट जाने से पहले ही निपटा दिया। इस स्पेशल अभियान के तहत छात्रों को 1 करोड़ रुपये की धनराशि वापस दिलाई गई।
कोचिंग संस्थानों की जवाबदेही
इस पूरी प्रक्रिया ने कोचिंग संस्थानों को भी एक संदेश दिया है कि उन्हें अपनी प्रथाओं को सुधारना होगा। छात्रों को जो भी वादे किए जाते हैं, उन्हें पूरा करना अनिवार्य होगा।
इस पहल ने न केवल छात्रों को राहत दी है, बल्कि यह भी साबित किया है कि सरकार उपभोक्ताओं के हित में सक्रिय है। ऐसे में छात्रों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या के लिए नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन का सहारा लेना चाहिए।