मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रविवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब सेना की ट्रेन पर बम धमाका करने की साजिश


के कुमार आहूजा  2024-09-23 04:16:03



सेना की ट्रेन पर बम धमाका टला! रेलवे ट्रैक पर डिटोनेटर, ATS और NIA जांच में जुटी

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रविवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई जब सेना की ट्रेन पर बम धमाका करने की साजिश नाकाम हो गई। जम्मू और कश्मीर से कर्नाटक जा रही इस ट्रेन में बड़ी संख्या में जवान सवार थे। रेलवे ट्रैक पर 10 डिटोनेटर मिलने से हड़कंप मच गया, लेकिन लोको पायलट की सतर्कता ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। यह घटना देशभर में ट्रेनों को पलटने के बढ़ते खतरों की कड़ी में एक और कड़ी जोड़ती है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।

घटना का विस्तृत विवरण:

22 सितंबर 2024 को, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई। जम्मू और कश्मीर से कर्नाटक जा रही ट्रेन में डिटोनेटर लगाए गए थे। घटना के समय ट्रेन के लोकोपायलट ने विस्फोट की आवाज सुनी और तुरंत ट्रेन रोक दी। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।

लोकोपायलट की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने संभावित विनाश को रोक दिया। ट्रैक पर 10 डिटोनेटर लगे हुए थे, जो धमाका करने के लिए पर्याप्त थे, लेकिन लोको पायलट की समझदारी से ट्रेन सुरक्षित बच निकली। इसके बाद स्टेशन मास्टर को सूचना दी गई और पूरे इलाके में सुरक्षा जांच शुरू की गई।

जांच एजेंसियां और जांच का दायरा:

घटना के तुरंत बाद, एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जांच जारी है और अभी तक इस मामले में किसी संदिग्ध के पकड़े जाने की खबर नहीं है। हालांकि, अधिकारी इस घटना को आतंकवादी साजिश से जोड़कर देख रहे हैं और सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रहे हैं।

देशभर में ट्रेन हादसों के बढ़ते मामले:

यह पहली बार नहीं है जब रेलवे ट्रैक पर इस तरह की साजिश सामने आई है। पिछले दो महीनों में देशभर में 23 बार ट्रेन पलटने की कोशिश की गई है। उत्तर प्रदेश, बिहार और अब मध्य प्रदेश में रेलवे ट्रैक पर ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इन घटनाओं के पीछे आतंकवादी स्लीपर सेल्स की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी एक खाली गैस सिलेंडर रेलवे ट्रैक पर पाया गया, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। सितंबर में इससे पहले प्रयागराज से भिवानी जा रही ट्रेन को भी पटरी पर सिलेंडर रखकर पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी।

रेलवे सुरक्षा और कानून:

भारतीय रेलवे की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। रेलवे अधिनियम-1989 की धारा 151 के अंतर्गत अगर किसी साजिश से ट्रेन हादसा होता है, तो दोषी को 10 साल की सजा हो सकती है। अब इस अधिनियम में संशोधन कर इसे देशद्रोह के कानून में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि रेलवे ट्रैक पर जानबूझकर अवरोधक रखना न केवल साजिश है, बल्कि सामूहिक हत्या के प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है। इस कारण होने वाले हादसे में किसी की जान जाने पर आरोपी पर हत्या की धाराएं लगाई जा सकती हैं।

देश की सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियां:

इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। ATS और NIA जैसी एजेंसियां हर पहलू की जांच कर रही हैं, लेकिन इन घटनाओं का पैमाना और उनकी नियमितता चिंता का विषय है। रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा को और भी कड़ा करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

देशभर में बढ़ते रेलवे हादसों की साजिशें सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गई हैं। यह घटना न सिर्फ रेलवे सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता जताती है, बल्कि यह आतंकवादी साजिशों के बढ़ते खतरों की तरफ भी इशारा करती है। हालांकि, समय रहते हुए जागरूकता और सुरक्षा बलों की सक्रियता ने इस बार देश को एक बड़े हादसे से बचा लिया।


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