स्वच्छता की मिसाल बनीं डिजिटल सखियां: पिपराइच में रैली से दिया स्वच्छता का अनोखा संदेश
के कुमार आहूजा 2024-09-22 20:21:47
स्वच्छता की मिसाल बनीं डिजिटल सखियां: पिपराइच में रैली से दिया स्वच्छता का अनोखा संदेश
स्वच्छता सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता और सामाजिक भलाई का प्रतीक है। पिपराइच के नगर पंचायत में डिजिटल सखियों ने स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता फैलाने के लिए एक प्रेरणादायक रैली निकाली। क्या यह अभियान पूरे देश को स्वच्छता की ओर एक नए रास्ते पर ले जा सकता है?
स्वच्छता के प्रति जनभागीदारी का संदेश
डिजिटल सखियों ने स्वच्छता के प्रति जनसमूहों की भागीदारी को लेकर नगर पंचायत पिपराइच में एक रैली निकाली। "स्वच्छता में जिंदगी, स्वच्छता में भलाई" जैसे नारों के माध्यम से इस रैली ने लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाने का प्रयास किया। यह रैली बायफ लाइवलीहुड्स और एल एंड टी फाइनेंस के सम्मिलित प्रयासों से आयोजित की गई थी।
डिजिटल सखियों का योगदान
ज्वाइंट प्रोग्राम कोर्डिनेटर सुश्री गीता कौर ने बताया कि पिछले एक वर्ष से पिपराइच के बीस पंचायतों में डिजिटल जागरूकता और अन्य सामाजिक कार्यों को अंजाम देते हुए डिजिटल सखियों ने इस क्षेत्र को एक आदर्श स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्वच्छता की शपथ और संदेश
शुक्रवार को नगर पंचायत पिपराइच के नगर अध्यक्ष संजय मधेशिया ने स्वच्छता की शपथ दिलाई और स्वच्छता का संदेश दिया। यह कदम न केवल पिपराइच को स्वच्छ बनाने की दिशा में था, बल्कि पूरे समाज को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
डिजिटल सखियों का प्रतिनिधित्व
इस आयोजन में विभिन्न गांवों से डिजिटल सखियों ने भाग लिया। आराजी बनकट से कंचन, खझवा से खुशबू चौरसिया, पिपरा मुगलान से प्राची पाण्डेय, चिलबिलवा से अनीता यादव और अन्य सखियों ने अपने-अपने गांवों का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाया।
एक वर्ष की निरंतरता
सुश्री गीता कौर ने बताया कि पिछले एक वर्ष से, डिजिटल सखियां पिपराइच के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल जागरूकता और स्वच्छता अभियान चला रही हैं। उनका यह अभियान न केवल स्वच्छता तक सीमित है, बल्कि सामाजिक बदलाव के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
सामाजिक बदलाव में सखियों की भूमिका
डिजिटल सखियों का उद्देश्य न केवल स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाना है, बल्कि डिजिटल साक्षरता और तकनीकी ज्ञान को भी ग्रामीणों तक पहुंचाना है। इस प्रकार, वे ग्रामीण समाज को तकनीकी रूप से सक्षम और स्वच्छता के प्रति जागरूक बना रही हैं।
रैली और स्वच्छता का संदेश
रैली के दौरान, सखियों ने लोगों को समझाया कि स्वच्छता केवल एक बाहरी सफाई नहीं है, बल्कि यह आंतरिक स्वच्छता और स्वास्थ्य का भी प्रतीक है। लोगों को यह संदेश दिया गया कि स्वच्छता से ही समाज की भलाई हो सकती है और हमें इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
स्थानीय समुदाय की सहभागिता
इस अभियान में गांव के स्थानीय समुदायों की भी बड़ी भागीदारी रही। डिजिटल सखियों ने हर गांव में जाकर लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया और उन्हें इसके प्रति जागरूक किया।
भविष्य की योजना और संकल्प
डिजिटल सखियों का यह अभियान यहीं नहीं रुकने वाला है। भविष्य में और भी कई पंचायतों में ऐसे रैलियां और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि स्वच्छता का संदेश हर व्यक्ति तक पहुंच सके।
स्वच्छ भारत का सपना
डिजिटल सखियों का यह प्रयास "स्वच्छ भारत" के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वे केवल स्वच्छता ही नहीं, बल्कि शिक्षा, जागरूकता और तकनीकी उन्नति के भी प्रतीक बन चुकी हैं।