SEBI ने Axis Capital पर Debt Market में नए असाइनमेंट लेने से लगाई रोक, जानें चौंकाने वाली वजह


के कुमार आहूजा  2024-09-21 14:29:29



SEBI ने Axis Capital पर Debt Market में नए असाइनमेंट लेने से लगाई रोक, जानें चौंकाने वाली वजह

Axis Capital, जो Axis Bank की सहायक कंपनी है, पर SEBI ने एक बड़ा कदम उठाते हुए उसे Debt Market में नए असाइनमेंट लेने से रोक दिया है। आखिर क्या हैं वो नियम जिनके उल्लंघन के कारण SEBI को इतना सख्त कदम उठाना पड़ा? इस मामले ने न केवल वित्तीय प्रणाली में हलचल मचा दी है बल्कि निवेशकों के बीच चिंता का विषय भी बन गया है।

SEBI का Axis Capital पर बड़ा कदम: Debt Market में असाइनमेंट लेने पर रोक

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Axis Capital Limited (ACL) पर वित्तीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए Debt Market में नए असाइनमेंट लेने से रोक दिया है। ACL, जो कि Axis Bank की पूरी तरह से स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, पर SEBI ने नियमों के खिलाफ जाकर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (NCDs) के पुनर्खरीद की गारंटी देने का आरोप लगाया है।

क्या है मामला?

SEBI के आदेश के अनुसार, ACL ने अंडरराइटिंग के नाम पर NCDs के रिडेम्पशन के लिए गारंटी/क्षतिपूर्ति प्रदान की, जिसे मौजूदा नियामक ढांचे के तहत अनुमति नहीं थी। SEBI ने इसे एक गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली को जोखिम हो सकता है, जो बाजार की व्यवस्थित संचालन प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।

निवेशकों और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर प्रभाव

इस गारंटी/क्षतिपूर्ति को क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने क्रेडिट एन्हांसमेंट के रूप में समझा और उसी के अनुसार उपकरणों को रेट किया, जिस पर निवेशकों ने भरोसा किया। SEBI के अनुसार, ACL की यह गतिविधि निवेशकों को गुमराह कर सकती है और वित्तीय बाजार के संतुलन को बिगाड़ने का खतरा पैदा कर सकती है।

RBI को भी भेजी गई रिपोर्ट

SEBI ने अपने आदेश की एक प्रति भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी भेजी है ताकि ACL की गतिविधियों की समीक्षा की जा सके, क्योंकि यह एक बैंकिंग कंपनी की सहायक कंपनी है। SEBI ने ACL की जांच के बाद यह कदम उठाया, जब SEBI के रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट द्वारा एक रिपोर्ट में उच्च जोखिम वाले लेनदेन से संबंधित चिंताएं उजागर की गई थीं।

SEBI का अंतरिम आदेश

SEBI के अंतरिम आदेश में कहा गया है कि ACL को अगले आदेश तक Merchant Banker, Arranger या Underwriter के रूप में Debt Market में कोई भी नया असाइनमेंट लेने से रोका जाता है। इस आदेश में कहा गया कि ACL को इस मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए 21 दिनों का समय दिया गया है, जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि कंपनी को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर मिलेगा या नहीं।

आगे की प्रक्रिया

Axis Capital के पास अब 21 दिनों का समय है कि वह SEBI के इस आदेश का उत्तर दे और अपनी आपत्तियां दर्ज करे। इसके बाद SEBI सुनवाई की तारीख और समय निर्धारित करेगा ताकि मामले को अंतिम रूप से सुलझाया जा सके। ACL की इस कार्रवाई पर SEBI और RBI दोनों की नजरें टिकी हुई हैं, जो आगे के वित्तीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।


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