क्या ऑफिस में टॉक्सिक कल्चर से काम होता है? अशनीर ग्रोवर ने किया बचाव


के कुमार आहूजा  2024-09-21 08:05:14



क्या ऑफिस में टॉक्सिक कल्चर से काम होता है? अशनीर ग्रोवर ने किया बचाव

क्या आपको लगता है कि ऑफिस में टॉक्सिक माहौल काम करवाने में मददगार होता है? अशनीर ग्रोवर का मानना है कि जहां झगड़े होते हैं, वहीं असली काम होता है। जानिए, क्यों भारतपे के फाउंडर ने ऑफिस में विवादों को सकारात्मक बताया है, जबकि वर्क-लाइफ बैलेंस की चर्चा एक दर्दनाक घटना के बाद गरमा रही है।

टॉक्सिक कल्चर: काम के लिए जरूरी या घातक?

हाल ही में पुणे के चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पराईल की काम के तनाव से मौत ने वर्कप्लेस कल्चर और काम के माहौल में विषाक्तता पर कई चर्चाएं छेड़ दी हैं। अन्ना, जो विश्व की सबसे बड़ी प्रोफेशनल सर्विस कंपनी Ernst & Young (EY) में काम करती थीं, की मौत ने वर्क-लाइफ बैलेंस के मुद्दे पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

अशनीर ग्रोवर का बयान

जबकि कई लोग ऑफिस में टॉक्सिक माहौल के खिलाफ बोल रहे हैं, भारतपे के संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने इस मुद्दे पर अपना विचार साझा किया है। ग्रोवर, जो अपने बिंदास और बिना किसी लाग-लपेट वाले बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने EY में अपने छोटे से कार्यकाल के बारे में एक पुरानी घटना में बात की।

EY का अनुभव: लाशों का दफ्तर

ग्रोवर ने बताया कि Grofers में काम करने के बाद उन्हें EY में एक बड़े पद का ऑफर मिला था, जिसमें ₹1 करोड़ के पैकेज की पेशकश की गई थी। हालांकि, उन्होंने वहां के माहौल को देखकर इसे ठुकरा दिया। ग्रोवर के शब्दों में, "वहां सिर्फ लाशें पड़ी थीं, जिनका अंतिम संस्कार करना बाकी था।" इस बयान से उनका इशारा था कि कर्मचारियों में कोई ऊर्जा नहीं थी और ऑफिस का वातावरण "मृत" था।

लड़ाई-झगड़े वाला ऑफिस बेहतर है

अशनीर ग्रोवर ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वह वहां से निकल गए और नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि एक ऑफिस जहां झगड़े होते हैं, वह एक जीवंत और उत्पादक जगह होती है। उनके अनुसार, "जहां पे लड़ाई हो रही हो, वो बेस्ट ऑफिस है।" ग्रोवर का मानना है कि ऐसे टॉक्सिक माहौल में काम करवाना ज्यादा आसान होता है।

अन्ना सेबेस्टियन की दर्दनाक मौत

अन्ना सेबेस्टियन की मौत के बाद उनकी मां ने आरोप लगाया कि EY के किसी भी सहकर्मी ने उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं लिया। उनकी मां के अनुसार, अन्ना काम के बोझ तले दब गई थीं और लगातार तनाव में रह रही थीं, जिससे उनकी असमय मौत हो गई।

महत्वपूर्ण बिंदु:

अन्ना सेबेस्टियन की काम के तनाव से मौत ने वर्क-लाइफ बैलेंस और ऑफिस कल्चर पर बहस छेड़ दी है।

अशनीर ग्रोवर ने टॉक्सिक वर्क कल्चर का बचाव करते हुए कहा कि विवाद और झगड़े वाले ऑफिस ज्यादा उत्पादक होते हैं।

EY में अपने अनुभव को "मृत माहौल बताकर, ग्रोवर ने वहां काम करने से इनकार कर दिया।

ग्रोवर ने कहा कि ऑफिस में विवाद होना एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह काम करवाने में मदद करता है।

अन्ना सेबेस्टियन के सहकर्मी उनके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे, जिससे उनकी मां को और दुःख हुआ।


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