बीकानेर में हिंदी दिवस समारोह का भव्य समापन: प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी का बढ़ता महत्व


के कुमार आहूजा  2024-09-18 15:23:24



बीकानेर में हिंदी दिवस समारोह का भव्य समापन: प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी का बढ़ता महत्व

राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय बीकानेर में आयोजित तीन दिवसीय हिंदी दिवस समारोह का समापन पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के सहयोग से हुआ। इस कार्यक्रम ने न केवल हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि युवाओं द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए हिंदी के सशक्त उपयोग पर जोर दिया गया।

हिंदी के डिजिटल युग में बढ़ते कदम

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिन्नाणी ने हिंदी के दैनिक जीवन में अधिक उपयोग पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलाइजेशन के माध्यम से हर जानकारी हिंदी में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि हिंदी अब केवल साहित्य की भाषा नहीं है, बल्कि देश के विकास और रोजगार के अवसरों में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी का महत्व

प्रोफेसर डॉ. बिन्नाणी ने अपने भाषण में विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की बात करते हुए कहा कि हिंदी भाषा का प्रतियोगी छात्रों के लिए विशेष महत्व है। उन्होंने छात्रों से हिंदी को व्याकरण के साथ श्रंगारित करने और इसके सटीक उपयोग की कला को सीखने की बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदी में निपुणता प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

साहित्यिक प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध

समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार जुगलकिशोर पुरोहित ने अपनी कविता से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने हिंदी भाषा की सौंदर्यता और उसकी अभिव्यक्ति शक्ति पर जोर देते हुए, सभी से इसे जीवन में अपनाने का आग्रह किया।

हिंदी के उपयोग पर विशेष चर्चा

विशिष्ट अतिथि पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी मनोहर सिंह ने हिंदी के बढ़ते उपयोग और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, श्रीमती सुमन ने हिंदी दिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए हिंदी के विकास में सभी से योगदान देने की अपील की।

भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखाया अपना कौशल

कार्यक्रम के दौरान भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें राजकीय डूंगर महाविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया। रजत राणा ने इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि पारस राणा द्वितीय और प्रदीप गोदारा तृतीय स्थान पर रहे। 

विजेताओं को सम्मानित किया गया

भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के सौजन्य से प्रोफेसर डॉ. बिन्नाणी, जुगलकिशोर पुरोहित, मनोहर सिंह, श्रीमती सुमन और पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। यह सम्मान युवाओं के लिए प्रेरणादायक था, जिसने उन्हें हिंदी भाषा में निपुणता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

आयोजन के सफल संचालन में सभी का योगदान

समारोह में अतिथियों का स्वागत महेश पांडिया, भंवर लाल खत्री, इंद्र कुमार ओझा, और शिवकरण चौधरी ने किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कुशलता से किया। इस अवसर पर केसरी सिंह भाटी, रामस्वरूप बिश्नोई, सत्यनारायण बिश्नोई और परामर्शदाता रश्मि लाटा भी उपस्थित रहे।

हिंदी के प्रसार और महत्व को बढ़ाने की अपील

इस समारोह ने एक बार फिर हिंदी के महत्व को रेखांकित किया और समाज के हर वर्ग से इसे अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में हुई चर्चाओं और भाषणों से यह स्पष्ट हुआ कि हिंदी न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि यह हमारे देश की प्रगति और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।


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