एक्सप्रेस-वे पर युवती से दरिंदगी: फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र के बहाने दुष्कर्म, अश्लील वीडियो बना कर दी धमकी


के कुमार आहूजा  2024-09-17 07:49:58



एक्सप्रेस-वे पर युवती से दरिंदगी: फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र के बहाने दुष्कर्म, अश्लील वीडियो बना कर दी धमकी

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवती से शैक्षिक प्रमाणपत्र का लालच देकर एक्सप्रेस-वे पर कार में दुष्कर्म किया गया। आरोपियों ने न केवल शारीरिक शोषण किया, बल्कि युवती के अश्लील वीडियो और फोटो बना कर उसे धमकाया भी। इस सनसनीखेज मामले ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक युवती के साथ एक्सप्रेस-वे पर कार में दुष्कर्म का घिनौना कृत्य किया गया। यह घटना न्यू आगरा क्षेत्र की युवती के साथ हुई, जिसे शैक्षिक प्रमाणपत्र देने के बहाने लखनऊ बुलाया गया था। युवती के अनुसार, आरोपी राकेश कुमार और उसके सहयोगी श्रीनिवास ने उसे लखनऊ के पास आगरा एक्सप्रेस-वे पर बुलाकर उसके साथ दरिंदगी की। इस दौरान आरोपियों ने उसके अश्लील वीडियो और फोटो भी बना लिए और शिकायत करने पर इन्हें वायरल करने की धमकी दी।

शैक्षिक प्रमाणपत्र के नाम पर युवती को जाल में फंसाया

गौरतलब है कि पीड़िता ने कुछ दिन पहले फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें घर बैठे शैक्षिक प्रमाणपत्र बनवाने का दावा किया गया था। इस विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क करने के बाद युवती की बातचीत राकेश कुमार नाम के युवक से हुई, जिसने बिना परीक्षा दिए 30,000 रुपये में शैक्षिक प्रमाणपत्र देने का झांसा दिया। युवती ने राकेश द्वारा बताए गए यूपीआई खाते में 15,000 रुपये का भुगतान कर दिया। जिसके बाद उसे व्हाट्सएप पर एक फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र भेजा गया।

लखनऊ में शैक्षिक प्रमाणपत्र देने के बहाने बुलाया

राकेश ने युवती को कहा कि वह 10 मई को लखनऊ आकर अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकती है। जब युवती लखनऊ पहुंची, तो उसे आगरा एक्सप्रेस-वे के पास बुलाया गया, जहां उसकी मुलाकात राकेश और उसके सहयोगी श्रीनिवास से हुई। दोनों आरोपी उसे कार में बिठाकर सुनसान जगह पर ले गए, जहां यह भयानक घटना घटी।

सुनसान जगह पर गाड़ी रोककर दरिंदगी

युवती ने अपनी शिकायत में बताया कि जब वे सुनसान इलाके में पहुंचे, तो श्रीनिवास ने कार के अंदर उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि राकेश बाहर खड़ा रहा। इस दौरान आरोपियों ने उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो भी बना लिए, ताकि उसे धमकाया जा सके।

शिकायत करने पर वीडियो वायरल करने की दी धमकी

दुष्कर्म के बाद, आरोपियों ने युवती को धमकी दी कि अगर उसने पुलिस में शिकायत की, तो वे उसके अश्लील वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। डर के मारे पीड़िता को शुरुआत में समझ में नहीं आया कि वह क्या करे, लेकिन बाद में उसने अपनी हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की प्रारंभिक लापरवाही

पीड़िता ने बताया कि उसने सबसे पहले आगरा के न्यू आगरा थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने घटना का स्थल लखनऊ बताते हुए मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया और युवती को टाल दिया। इसके बाद पीड़िता लखनऊ के पारा थाने पहुंची, जहां उसकी शिकायत सुनी गई और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

राकेश और श्रीनिवास के खिलाफ केस दर्ज

शनिवार को पारा पुलिस ने आरोपी राकेश कुमार और श्रीनिवास के खिलाफ दुष्कर्म, धमकी और धोखाधड़ी के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर शैक्षिक प्रमाणपत्र के फर्जी विज्ञापन

इस घटना ने सोशल मीडिया पर शैक्षिक प्रमाणपत्र से जुड़े फर्जी विज्ञापनों के खतरनाक पहलुओं को भी उजागर किया है। कई लोग इन विज्ञापनों के चक्कर में फंस जाते हैं, जिससे न केवल उनका आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि कई बार उनके साथ गंभीर अपराध भी हो जाते हैं। इस मामले में भी युवती ने एक ऐसे ही फर्जी विज्ञापन के कारण अपनी जान को खतरे में डाल लिया था।

फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी

इस घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठने लगे हैं, खासकर ऐसे फर्जी विज्ञापनों को रोकने के संदर्भ में। विशेषज्ञों का मानना है कि फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म को इस तरह के विज्ञापनों को सख्ती से मॉनिटर करना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

महिला सुरक्षा पर सवाल

उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पहले से ही कई सवाल उठाए जा रहे हैं। इस घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था पर फिर से गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है और वे दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

बहरहाल, इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर फर्जी विज्ञापनों का शिकार होना कितना खतरनाक हो सकता है। महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर समाज और प्रशासन दोनों को गंभीरता से सोचना होगा। पीड़िता के साहस की तारीफ की जानी चाहिए, जिसने धमकी के बावजूद न्याय की लड़ाई लड़ने का फैसला किया। उम्मीद है कि पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाएगी।


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