साइबर फ्रॉड: महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोगों से 67 लाख की ठगी, CBI केस के नाम पर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा


के कुमार आहूजा  2024-09-16 17:25:28



साइबर फ्रॉड: महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोगों से 67 लाख की ठगी, CBI केस के नाम पर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

साइबर अपराधी दिन-ब-दिन नए तरीके अपनाकर भोले-भाले लोगों को ठगने से बाज नहीं आ रहे हैं। वाराणसी में हुए ताजे मामले में साइबर ठगों ने महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोगों को निशाना बनाया और उनसे 67 लाख रुपये ऐंठ लिए। तीनों पीड़ितों ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना ने वाराणसी के लोगों के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

ठगों ने किया वाट्सएप कॉल का इस्तेमाल

ठगी के इस मामले में ठगों ने एक बेहद ही शातिर तरीका अपनाया। सुंदरपुर के रुद्रा टावर निवासी गुलाब लाल श्रीवास्तव को वाट्सएप कॉल के माध्यम से ठगों ने संपर्क किया। कॉल पर उन्हें बताया गया कि उनके आधार कार्ड का फर्जी इस्तेमाल किया गया है और अवैध तरीके से मलेशिया में सामग्री भेजी जा रही है। इसके बाद ठगों ने सीबीआई का डर दिखाते हुए श्रीवास्तव से केस खत्म करने के नाम पर 57 लाख रुपये ठग लिए।

महिला पुलिसकर्मी भी बनी शिकार

इस ठगी का शिकार केवल आम लोग ही नहीं, बल्कि एक महिला पुलिसकर्मी भी बनी। महिला पुलिसकर्मी ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई और बताया कि उसे भी इसी तरह की धमकियों और झूठी सूचनाओं के माध्यम से ठगा गया। इस घटना ने साफ कर दिया है कि साइबर ठग अब किसी भी पेशे और व्यक्ति को निशाना बना सकते हैं।

साइबर थाने में दर्ज हुईं शिकायतें

वाराणसी के साइबर थाना में पीड़ितों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और ठगों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने पीड़ितों से विस्तृत विवरण लिया और साइबर बदमाशों की पहचान करने के प्रयासों में जुट गई है। इस ठगी के मामले ने साइबर अपराध की गंभीरता को फिर से उजागर किया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

सीबीआई केस के नाम पर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

इस ठगी में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ठगों ने सीबीआई केस के नाम का इस्तेमाल करके लोगों को डराया। उन्होंने फर्जी केस का डर दिखाकर पीड़ितों को मानसिक रूप से दबाव में लाया और इसी का फायदा उठाते हुए उनसे मोटी रकम ऐंठ ली। 57 लाख रुपये की ठगी सिर्फ एक व्यक्ति से हुई, जबकि अन्य पीड़ितों से भी लाखों रुपये की ठगी की गई है।

साइबर अपराधियों के नए-नए हथकंडे

साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं। वे इंटरनेट, सोशल मीडिया, और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करते हुए लोगों को फंसाते हैं। इस मामले में ठगों ने वाट्सएप कॉल का सहारा लिया, जो एक लोकप्रिय और भरोसेमंद संचार माध्यम है। उन्होंने पीड़ितों को सीबीआई और अन्य बड़े सरकारी संगठनों के नाम से डराया, ताकि वे जल्दी से पैसे भेज दें।

पुलिस की जांच और कार्रवाई

साइबर थाना पुलिस ने ठगी के इस मामले को गंभीरता से लिया है और ठगों की पहचान करने के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि ऐसे मामलों में आम लोगों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान कॉल या संदेश का जवाब देने से पहले उसकी पुष्टि करनी चाहिए। साथ ही, ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता जरूरी

इस घटना के बाद साइबर सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से जागरूकता की जरूरत महसूस की जा रही है। आजकल ठगों के पास कई तरह के तरीके हैं जिससे वे ऑनलाइन और डिजिटल माध्यमों से लोगों को फंसाकर उनसे पैसे ठगते हैं। इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर पुलिस को देनी चाहिए।

ठगी से बचने के उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि ठगी से बचने के लिए लोगों को अपने व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखना चाहिए। किसी भी अनजान नंबर से आने वाली कॉल या संदेशों पर विश्वास न करें, खासकर जब वे आपकी वित्तीय जानकारी या आधार कार्ड जैसी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में हों। बैंक और सरकारी संगठन कभी भी इस तरह की जानकारी फोन या मैसेज के माध्यम से नहीं मांगते।

सरकार की भूमिका

सरकार और साइबर सुरक्षा विभाग को इन मामलों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। इस तरह के अपराधों में लिप्त ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

वाराणसी में बढ़ते साइबर अपराध

वाराणसी में पिछले कुछ वर्षों में साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। ठगों ने शहर के कई निवासियों को अपना शिकार बनाया है और लाखों रुपये की ठगी की है। साइबर थाना पुलिस ने कई मामलों में सफलतापूर्वक कार्रवाई की है, लेकिन फिर भी ऐसे अपराधों की संख्या कम नहीं हो रही। इस घटना ने एक बार फिर से दिखा दिया है कि साइबर सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।


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