खतरे के मुहाने पर संगम नगरी: गंगा और यमुना के जल स्तर में तेजी से वृद्धि, बाढ़ की चेतावनी
के कुमार आहूजा 2024-09-16 07:42:07
खतरे के मुहाने पर संगम नगरी: गंगा और यमुना के जल स्तर में तेजी से वृद्धि, बाढ़ की चेतावनी
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहर बाढ़ के मुहाने पर खड़ा है। दोनों नदियों में शनिवार रात से पानी का स्तर तेजी से बढ़ते हुए चेतावनी बिंदु के पास पहुंच चुका है। अगर यह बढ़ोतरी इसी तरह जारी रही, तो रविवार रात तक गंगा और यमुना का पानी खतरे के निशान को पार कर सकता है, जिससे शहर को गंभीर बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
36 लाख क्यूसेक पानी से नदियां उफान पर
गंगा और यमुना के जल स्तर में अचानक हुई इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण ऊपरी क्षेत्रों से आ रहा भारी मात्रा में पानी है। लगभग 36 लाख क्यूसेक पानी आने के बाद, दोनों नदियां अपने उफान पर हैं और स्थिति दिन-ब-दिन विकट होती जा रही है। शनिवार रात तक नदियों का पानी चेतावनी बिंदु से आधा मीटर नीचे था, लेकिन रविवार तक इसके खतरे के निशान तक पहुंचने की संभावना है।
लगातार बढ़ते जल स्तर से जनता में चिंता
पानी के लगातार बढ़ते स्तर को देखते हुए शहरवासियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर बनाए रखी है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकारी एजेंसियां बाढ़ संभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरत रही हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वे नदियों के पास न जाएं।
बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं संगम नगरी के कई इलाके
अगर जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो शहर के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर सकता है। संगम क्षेत्र के पास के कई प्रमुख घाट और धार्मिक स्थलों पर पानी का खतरा बढ़ गया है। पहले भी गंगा और यमुना में जल स्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बार पानी की मात्रा और अधिक हो सकती है।
प्रशासन की तैयारी और चेतावनी
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। आपदा प्रबंधन दल तैनात कर दिए गए हैं और राहत सामग्री की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में नावें और मोटरबोट्स भी तैनात कर दी हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ दिनों में और भी बारिश हो सकती है, जिससे जल स्तर और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में नदियों के किनारे बसे लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। विभाग ने कहा है कि आने वाले 24 से 48 घंटों में हालात और गंभीर हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दी जा रही जानकारी का पालन करें। बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर राहत कैंपों का भी संचालन किया जाएगा।
सामाजिक संगठनों का सहयोग
इस गंभीर स्थिति में कई सामाजिक संगठनों ने भी मदद के लिए आगे आने की घोषणा की है। संगम नगरी के कई एनजीओ और स्थानीय संस्थाएं बाढ़ संभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्रियों का वितरण कर रही हैं। इन संगठनों ने भी लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और नदियों के पास न जाने की सलाह दी है।
आपदा से बचने के लिए जरूरी कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना जरूरी है। प्रशासन को समय-समय पर जल स्तर की निगरानी करते रहना चाहिए और लोगों को सही समय पर सूचित करना चाहिए। बाढ़ से निपटने के लिए तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग और आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती बेहद जरूरी है।
गंगा-यमुना के उफान से बाढ़ का खतरा और बढ़ा
गंगा और यमुना का जल स्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, वह बाढ़ की गंभीरता को और भी बढ़ा सकता है। प्रशासन के सभी प्रयासों के बावजूद, अगर जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो शहर के कई प्रमुख क्षेत्रों में पानी भरने का खतरा मंडराता रहेगा। आने वाले कुछ दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है, इसलिए सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।