विदेश जाना है तो मात्र 25 मिनट में वीजा तैयार? गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, 7 गिरफ्तार 


के कुमार आहूजा  2024-09-16 06:24:03



विदेश जाना है तो मात्र 25 मिनट में वीजा तैयार? गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, 7 गिरफ्तार 

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी वीजा बनाकर लोगों को विदेश भेजने का काम करते थे। गिरोह का मुख्य सरगना 20 साल से बैनर बनाने का काम कर रहा था और अब वह मात्र 25 मिनट में किसी भी देश का फर्जी वीजा तैयार कर देता था। इस कार्रवाई ने फर्जी वीजा माफिया के नेटवर्क को उजागर कर दिया है, जिससे यह साबित होता है कि धोखाधड़ी करने वाले किस हद तक जाकर अपने गलत कामों को अंजाम देते हैं।

बैनर से वीजा तक का सफर: फर्जीवाड़े का अनोखा मामला

गिरोह का मुख्य आरोपी जो कि 20 वर्षों से बैनर बनाने का काम कर रहा था, उसने वीजा बनाने का धंधा शुरू कर दिया। वह अब इतना अधिक अनुभवी हो चुका है कि मात्र 20 से 25 मिनट में किसी भी देश का फर्जी वीजा बना सकता है। पिछले पांच वर्षों से यह आरोपी हर महीने 20 से 50 वीजा तैयार करता था, जो दिखने में बिल्कुल असली लगते थे।

इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर गिरोह का पर्दाफाश

IGI एयरपोर्ट थाना पुलिस की टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर इस गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी वीजा तैयार करने और उसे बेचने का काम कर रहे थे। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और उपकरण भी बरामद किए, जिनका इस्तेमाल वीजा तैयार करने के लिए किया जाता था।

कैसे करता था गिरोह फर्जी वीजा तैयार?

गिरोह के मुख्य आरोपी ने बैनर बनाने के अपने कौशल को वीजा बनाने में तब्दील कर लिया। वह वीजा तैयार करने के लिए कंप्यूटर, हाई-टेक प्रिंटर और अन्य डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करता था। आरोपी इतने कुशल हो चुके थे कि उनका बनाया हुआ फर्जी वीजा वास्तविक वीजा से बिल्कुल अलग पहचान पाना मुश्किल था। इसके लिए वह असली वीजा के फीचर्स और सुरक्षात्मक निशानों की नकल करता था, जिससे उसका वीजा बिल्कुल असली जैसा दिखता था।

पांच सालों में हज़ारों वीजा जारी

पुलिस की जांच में पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में इस गिरोह ने हज़ारों फर्जी वीजा बनाए हैं। हर महीने यह गिरोह 20 से 50 वीजा तैयार करता था। इन्हें दिखने में इतना वास्तविक बनाया जाता था कि हवाई अड्डे के सुरक्षा अधिकारियों तक को यह असली वीजा जैसा प्रतीत होता था। गिरोह का मुख्य फोकस उन लोगों पर था जो विदेश में नौकरी या अन्य अवसरों की तलाश में थे और सही रास्ता न मिलने पर इस तरह के फर्जी वीजा के सहारे विदेश जाने की कोशिश करते थे।

धोखाधड़ी का बढ़ता चलन

फर्जी वीजा बनाना और इसे इस्तेमाल करके विदेश जाने की कोशिश करना एक बढ़ती हुई समस्या है। यह गिरोह अपने काम को बेहद सफाई से अंजाम देता था, जिससे कई लोगों को फंसाया जा चुका था। आरोपी बैनर बनाने में अपने पुराने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए वीजा बनाने का काम करने लगे थे। इस गिरोह का पकड़ा जाना साइबर और दस्तावेज़ी धोखाधड़ी के बढ़ते चलन की ओर इशारा करता है, जहां लोगों को धोखे में रखकर अवैध तरीके से विदेश भेजने का कारोबार किया जा रहा है।

पुलिस की सख्त कार्रवाई

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट थाना पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सात आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके नेटवर्क की जाँच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज़, उपकरण और प्रिंटिंग सामग्री बरामद की गई है। पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार अन्य राज्यों और देशों तक जुड़े हो सकते हैं, इसलिए मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

फर्जी वीजा के दुष्परिणाम

फर्जी वीजा का उपयोग करके विदेश जाने वाले लोग कई गंभीर कानूनी और सुरक्षा समस्याओं का सामना कर सकते हैं। ऐसे मामलों में अक्सर वे लोग फंस जाते हैं जो विदेश में नौकरी या बेहतर अवसर की तलाश में होते हैं। हालांकि, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके विदेश जाना न केवल एक अपराध है, बल्कि यह व्यक्ति को देश की कानून व्यवस्था से भी भगा देता है। कई मामलों में, विदेश जाकर ऐसे व्यक्ति मुश्किलों में पड़ जाते हैं, और उन्हें कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ता है।

फर्जी वीजा गिरोह का मकसद

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार और निराश लोगों को धोखे में डालकर उनसे पैसे ऐंठना था। आरोपी लोगों को आसान और तेज़ तरीके से विदेश भेजने का वादा करते थे और उनसे बड़ी रकम वसूलते थे। जिन लोगों के पास वैध वीजा प्राप्त करने के संसाधन नहीं होते, वे इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो जाते थे।

फर्जीवाड़े से बचने की सलाह

फर्जी वीजा और दस्तावेज़ी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह बेहद जरूरी है कि लोग सरकारी प्रक्रियाओं का पालन करें। किसी भी प्रकार के वीजा के लिए अधिकृत एजेंसियों और सही दस्तावेज़ों के माध्यम से आवेदन करना चाहिए। ऐसे मामलों में फंसने से पहले व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह जिस एजेंसी या व्यक्ति से मदद ले रहा है, वह कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है या नहीं।

पुलिस की अपील

दिल्ली पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, वीजा या पासपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए फर्जी एजेंसियों से बचने की सलाह दी गई है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन की इस कार्रवाई ने फर्जी वीजा माफिया के एक बड़े नेटवर्क को बेनकाब कर दिया है, जिससे भविष्य में इस तरह के मामलों में कमी आने की संभावना है।

फर्जी वीजा बनाने और उसका उपयोग करने का धंधा देश में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि इससे विदेश जाने वाले लोगों को भी खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पुलिस की इस कार्रवाई ने फर्जी वीजा बनाने वाले एक बड़े गिरोह को पकड़ा है, जिससे यह साबित होता है कि कानून के शिकंजे से कोई भी अपराधी बच नहीं सकता।


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