माहेश्वरी धर्मशाला में होंगे बड़े बदलाव: सोलर एनर्जी से लेकर AC कमरों तक, सुविधाओं का होगा विस्तार!
के कुमार आहूजा 2024-09-10 18:44:20
माहेश्वरी धर्मशाला में होंगे बड़े बदलाव: सोलर एनर्जी से लेकर AC कमरों तक, सुविधाओं का होगा विस्तार!
बीकानेर के पीबीएम राजकीय चिकित्सालय के पास स्थित माहेश्वरी धर्मशाला में मरीजों और उनके परिजनों की सुविधाओं के विस्तार के लिए बड़े बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। सोमवार को माहेश्वरी धर्मशाला के विकास कार्यों पर चर्चा करने के लिए आयोजित बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। सोलर पैनल से ग्रीन एनर्जी का उपयोग हो या फिर वातानुकूलित कमरों का निर्माण, धर्मशाला में सुविधाओं के विस्तार की रूपरेखा तैयार की जा रही है। आइए जानते हैं इस बैठक के प्रमुख बिंदु और इन बदलावों से आम जन को क्या लाभ होने वाला है।
माहेश्वरी धर्मशाला: विकास की दिशा में एक और कदम
सोमवार को माहेश्वरी धर्मशाला के विकास कार्यों के विस्तार को लेकर आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता पीबीएम राजकीय चिकित्सालय के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने की। इस बैठक में धर्मशाला संचालन समिति के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें श्रीगोपाल राठी, गजानंद राठी, हनुमान प्रसाद राठी, कन्हैया लाल तापड़िया, शिवकुमार तापड़िया, कमलेश मोहता, जगदीश राठी और त्रिलोक गहलोत शामिल थे। बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि धर्मशाला में आने वाले समय में मरीजों और उनके परिजनों के लिए सुविधाएं और अधिक आरामदायक और आधुनिक होंगी।
सोलर पैनल से ग्रीन एनर्जी की पहल
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक धर्मशाला में सोलर पैनल लगाकर ग्रीन एनर्जी का उपयोग करने का था। यह पहल न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता को दर्शाती है, बल्कि धर्मशाला के संचालन को और भी किफायती बनाएगी। सोलर एनर्जी का उपयोग धर्मशाला की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, जिससे बिजली की बचत होगी और पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचेगा।
वातानुकूलित कमरों का निर्माण
माहेश्वरी धर्मशाला में अब 5 कमरों और 5 फ्लैट्स को वातानुकूलित किया जाएगा। इस कदम से गर्मी के मौसम में यहां रहने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अत्यधिक आराम मिलेगा। वर्तमान में, धर्मशाला के सभी कमरे नॉन-एसी हैं, लेकिन अब आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जा रहा है। यह बदलाव धर्मशाला की उपयोगिता और आकर्षण को और बढ़ाएगा।
लॉबी में टीवी और अन्य सुविधाओं का विस्तार
बैठक के दौरान धर्मशाला की लॉबी में भी सुविधाओं के विस्तार की घोषणा की गई। लॉबी में टेलीविजन सहित अन्य सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे धर्मशाला में रुकने वाले लोग अपनी प्रतीक्षा के समय को अधिक आरामदायक बना सकेंगे। इससे मरीजों के परिजनों को भी मनोरंजन की सुविधा उपलब्ध होगी, जो अक्सर अस्पताल में लंबी प्रतीक्षा के दौरान तनाव का सामना करते हैं।
धर्मशाला के इतिहास और विस्तार की जानकारी
माहेश्वरी धर्मशाला का निर्माण वर्ष 1975 में हुआ था, और इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को सस्ती दरों पर ठहरने की सुविधा प्रदान करना था। यह धर्मशाला नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर संचालित होती है, और समय-समय पर इसके विकास और विस्तार के प्रयास किए जाते रहे हैं। वर्ष 1985 में और फिर कोरोना काल के दौरान इसका विस्तार किया गया था, जिससे इसकी क्षमता बढ़ाई गई थी। वर्तमान में, धर्मशाला में 113 कमरे और 17 फ्लैट्स हैं, जिनमें सभी कमरे नॉन-एसी हैं और हर कमरे में लेट-बाथ और किचन की सुविधा है।
धर्मशाला में भविष्य के विकास कार्य
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि आवश्यकतानुसार धर्मशाला में और भी विकास कार्य करवाए जाएंगे। इस धर्मशाला का उद्देश्य हमेशा से आम जनता को आरामदायक और सस्ती सुविधाएं प्रदान करना रहा है, और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भविष्य में भी सुविधाओं के विस्तार की योजना बनाई जा रही है। सोलर पैनल और वातानुकूलित कमरों के अलावा, अन्य विकास कार्यों पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि धर्मशाला की सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सके।
धर्मशाला संचालन समिति की भूमिका
इस बैठक में धर्मशाला संचालन समिति के प्रमुख पदाधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। श्रीगोपाल राठी, गजानंद राठी, हनुमान प्रसाद राठी, कन्हैया लाल तापड़िया, शिवकुमार तापड़िया, कमलेश मोहता, जगदीश राठी और त्रिलोक गहलोत ने धर्मशाला के विकास कार्यों में विशेष रुचि दिखाई। इन पदाधिकारियों की सहभागिता से यह स्पष्ट होता है कि धर्मशाला के संचालन में समुदाय की गहरी भागीदारी है, और यह संस्थान नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर चलने के बावजूद अपने सेवाभाव को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
धर्मशाला का भविष्य: आम जन के लिए बेहतर सुविधाएं
धर्मशाला में होने वाले इन विकास कार्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि आने वाले समय में यहां ठहरने वाले मरीजों और उनके परिजनों को और भी बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। वातानुकूलित कमरे, सोलर एनर्जी, और लॉबी में आधुनिक सुविधाएं, यह सब धर्मशाला के स्तर को और ऊपर उठाएंगे। इसके अलावा, भविष्य में और भी विकास कार्यों की संभावना है, जिससे यह संस्थान समाज की सेवा में और भी आगे बढ़ सकेगा।
माहेश्वरी धर्मशाला का यह विकास सिर्फ एक भवन का विस्तार नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति एक जिम्मेदारी और सेवाभाव का प्रतीक है। इस धर्मशाला का संचालन समिति का प्रयास न केवल मरीजों और उनके परिजनों को आरामदायक सुविधाएं प्रदान करना है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और ग्रीन एनर्जी का उपयोग भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तरह के विकास कार्यों से बीकानेर का यह संस्थान न केवल समाज की सेवा में अग्रणी रहेगा, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।