कहाँ बदली है तस्वीर? ईलाज के लिए ले गए पुजारी के पास, मासूमों की हुई मौत, शव लेकर पैदल चले परिजन 


के कुमार आहूजा  2024-09-06 05:30:31



कहाँ बदली है तस्वीर? ईलाज के लिए ले गए पुजारी के पास, मासूमों की हुई मौत, शव लेकर पैदल चले परिजन 

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के पट्टीगांव से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां आदिवासी दंपती के दो बच्चों की बुखार के कारण मौत हो गई। दरअसल, बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए दंपती डॉक्टर के पास जाने के बजाय किसी पुजारी के पास चले गए। जहां कुछ ही घंटों में दोनों बच्चों की हालत बिगड़ गई जिसके चलते दोनों की मौत हो गई। मामला बिगड़ने के बाद माता-पिता अपने दोनों बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के मुताबिक, एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण, माता-पिता अपने दोनों बच्चों के शवों को कंधों पर उठाकर 15 किलोमीटर पैदल चलकर घर जाने को मजबूर हो गए। अंधविश्वास और इलाके में बुनियादी सुविधाओं में कमी के चलते दंपती ने अपने दोनों बच्चों को खो दिया। माता-पिता ने अपने बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया और उन्हें कंधों पर उठाकर घर की दूरी पैदल ही तय की।

मरने वाले दोनों बच्चों के नाम बाजीराव रमेश वेलाडी (6 साल) और दिनेश रमेश वेलाडी (साढ़े तीन साल) हैं। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुषी सिंह ने बताया कि, रमेश वेलाडी येरागड्डा के रहने वाले हैं।

रमेश वेलाडी अपनी पत्नी और दो बच्चों को लेकर पोलिया त्योहार के अवसर पर पट्टीगांव अपने रिश्तेदार के यहां आए हुए थे। यहां आकर दोनों बच्चे बीमार पड़ गए। खबर के मुताबिक, पुजारी द्वारा दी गई जड़ी-बूटियों से बच्चों की हालत में सुधार होने के बजाय और बिगड़ गई। बच्चों की हालत बिगड़ने के बाद रमेश वेलाडी जिमलगट्टा प्राथिमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी।

यहां अस्पताल में बच्चों के पोस्टमार्टम कराने की बात हुई तो माता-पिता ने इनकार कर दिया। वहीं एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से वेलाडी परिवार ने अपने बच्चों के शव को कंधों पर उठाकर नाले के पानी और कीचड़ से होते हुए अपने गांव का रास्ता तय किया। काफी दूर पैदल चलने पर वेलाडी के परिजन शव लेने दोपहिया वाहन से पहुंचे। पूरे गांव में बच्चों की मौत पर मातम पसरा हुआ है।

जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुषी सिंह ने बताया कि, माता-पिता स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन किए बिना बच्चों के शवों को अपने साथ ले गए।


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