पेरिस पैरालंपिक 2024: भारत ने 20 पदक जीतकर रचा इतिहास, तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड


के कुमार आहूजा  2024-09-05 11:13:33



पेरिस पैरालंपिक 2024: भारत ने 20 पदक जीतकर रचा इतिहास, तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 20 पदक जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। यह उपलब्धि भारत के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने टोक्यो पैरालंपिक 2021 में जीते गए 19 पदकों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। इस ऐतिहासिक सफलता ने देश को गर्व से भर दिया है और भारतीय पैरालंपिक एथलीटों की उत्कृष्टता को साबित किया है।

पैरालंपिक 2024: भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने 3 सितंबर को अपने पदकों की संख्या को 20 तक पहुंचाकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने 3 गोल्ड, 7 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज पदक अपने नाम किए। यह सफलता टोक्यो पैरालंपिक 2021 के प्रदर्शन से भी बेहतर है, जहां भारत ने 19 पदक जीते थे।

टोक्यो पैरालंपिक 2021: एक नई शुरुआत

टोक्यो पैरालंपिक 2021 में भारत ने 19 पदक जीतकर इतिहास रचा था। यह प्रदर्शन भारतीय पैरालंपिक इतिहास का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन माना गया था, लेकिन पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने ही रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।

पेरिस में भारतीय खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक में भारतीय एथलीटों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दुनिया को हैरान कर दिया। इन खेलों में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों ने न केवल अपने शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन किया, बल्कि मानसिक मजबूती का भी उदाहरण पेश किया।

भारत का बढ़ता हुआ आत्मविश्वास

इस रिकॉर्ड-तोड़ सफलता के साथ ही भारतीय खेल समुदाय में आत्मविश्वास की एक नई लहर दौड़ गई है। खिलाड़ियों और कोचों का मानना है कि इस सफलता से भारत में खेलों के प्रति रुचि और भी बढ़ेगी और देश को और भी उत्कृष्ट खिलाड़ी मिलेंगे।

भारतीय खेल समुदाय की प्रतिक्रियाएँ

पेरिस पैरालंपिक में भारत की इस शानदार सफलता के बाद देशभर से बधाइयों का तांता लग गया है। खेल मंत्रालय, ओलंपिक संघ और विभिन्न खेल संघों ने इस ऐतिहासिक जीत पर खिलाड़ियों और उनकी टीमों को बधाई दी है।

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत की यह सफलता केवल पदकों की संख्या में नहीं है, बल्कि यह भारतीय खेल जगत की बढ़ती ताकत और आत्मविश्वास का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय खिलाड़ी किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं और भविष्य में और भी बड़ी सफलताएँ हासिल करेंगे।


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